मुझे इतना तो पता है
शौच के बाद सफाई
तुम हमेशा लेफ्ट से करते हो
मगर कुछ बातें
मुझे मालूम नहीं है आज भी
आजादी के इतने सालों बाद भी
कुछ पूछना चाहता हूँ तमसे
जब तुम कदम आगे बढ़ाते हो
कौन सा कदम आगे बढ़ता है तुम्हारा
पहले लेफ्ट या राइट
तुम जब कमीज पहनते हो
पहले दाएँ हाथ आगे बढ़ता है
या बाएं हाथ
तुम जब तिरंगे को सलामी देते हो तो
सिर्फ केसरिया को सलामी देते हो
या सफ़ेद और हरा को भी सेल्यूट करते हो
तुम जरा ये भी बताओ
किसी परिचित से मिलने पर
या किसी अजनबी से मेलजोल बढ़ाने के बाद
तुम राम-राम कहते हो या जय श्रीराम
चिंता मत करो
गलत जवाब पर
डिटेंशन सेंटर भेजे नहीं जाओगे
मैं इन सवालों के जवाब को
किसी राष्ट्रीय रजिस्टर पर लिखूंगा भी नहीं
हाँ, मैं इतना ही तो कहना चाहता हूँ तुमसे
शौच के बाद सफाई लेफ्ट से करते रहो भले ही
मगर कल से कमीज दाहिने हाथ से पहनो
क्या अब तक हो तुम बड़े बदतमीज
बाएं हाथ से ही क्यों पहनते हो कमीज
घर से बाहर निकलो तो हमेशा राइट कदम आगे बढ़ाना
लेफ्ट कदम आगे बढ़ा भी लिए तो राइट को मत चिढ़ाना
तिरंगे को सलामी देते वक्त
केसरिया का सम्मान सबसे ऊपर ही रखना
सफ़ेद और हरा का सम्मान अपने घर पर ही करना
एक और बात सुन लो कान खोलकर
किसी परिचित से मिलने पर
या किसी अजनबी से मेलजोल बढ़ाने के बाद
अब राम-राम नहीं जय श्रीराम कहना होगा
तुम्हारी वैचारिक भूमि जो भी रहे
मेरे लिए इतना तो सहना होगा
मैं तुमसे फिर पूछता हूँ
आखिर ये हंगामा क्यों बरपा है
कौन हैं ये लोग जो सड़क पर मर-कट रहे हैं
शायद ये लोग
कमीज पहनना चाहते हैं बाएँ हाथ से
शायद ये लोग
घर से बाहर निकलना चाहते हैं
बाएं कदम बढ़ाकर ही
इनकी भी जिद अजब है
और उनकी भी जिद गजब है
सड़क पर उतरे ये लोग
शायद तिरंगे के सफ़ेद और हरा को
वरीयता देते हैं केसरिया से अधिक
यही तो गुनाह है इनकी
ये ईवीएम पर बटन राइट हाथ से दबाते हैं
मगर राइट बटन पर नहीं दबाते
क्या लेफ्ट पैर को विकलांग कर दिया जाये
क्या लेफ्ट हाथ को काट ही दिया जाये
क्या यही समाधान है यहाँ ख़ुशी से जीने का
क्या कुछ भी लेफ्ट नहीं होना चाहिए
क्या तुम विचारों पर भी
एकतरफा कब्ज़ा कर लोगे...?
- कंचन ज्वाला कुंदन
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