बुधवार, 4 सितंबर 2024

एक अदना सा बड़ा अपराधी...

 मैं डरता हूँ बुरे परिणाम से 


मैं डरता हूँ बुरे अंजाम से 


बहुत कमजोर हूँ, फट्टू हूँ मैं 


च से चुतिया ट से टट्टू हूँ मैं 


कई भ्रम पाल रखा था मैंने 


अच्छा था तोड़ दिया तुमने 


ये दुनिया वैसा नहीं है 


इसे जैसा मैं सोचता हूँ 


हाँ, ये दुनिया वैसा है 


जैसा तुम सोचती हो...


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बहुत पछतावा है मुझे 


जाने-अनजाने हुए इस गलती का 


भले ही तुमने माफ कर दिया हो मुझे 


मैं इसके लिए खुद को कभी माफ नहीं करूँगा 


अच्छा हुआ आखिर ये बात पता चल गया 


आज मुझे मेरी औकात पता चल गया 


लड़का होने से किसी को बदमाशी का लाइसेंस नहीं मिल जाता 


ये बात हमेशा याद रखना चाहिए, मुझ जैसे उन हर कमीने को...


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हालाँकि ऐसी कोई मंसूबा नहीं थी 


कि तुम्हें जलील किया जाये 


ना ही ऐसा कुछ सोचा था 


कि तुम इतनी खतरनाक हो सकती हो 


एक पल में कोई कैसे तबाह हो जाता है 


ये दूसरा लम्हा था मेरे सामने 


पहला लम्हा तो मैंने खुद चुना था १२ साल पहले


इस दूसरे लम्हे में तुमने जीवनदान दिया है मुझे 


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जब भी कोई फैसला लेता हूँ, बड़ा ही लेता हूँ 


किसी की सोच के परे, फैसला कड़ा ही लेता हूँ 


ये मेरे लिए ऐसा पहला तजुर्बा था 


एक लड़की के आगे रो-रोकर गिड़गिड़ाना पड़ा


शायद जरुरी था ये सिलेबस मेरे लिए 


तहेदिल से शुक्रिया, ये सबक हमेशा याद रखूँगा....


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शुक्रिया, बिना हथकड़ी लगवाये छोड़ा है तुमने 


मैं ये जुर्म हमेशा याद रखूँगा, यही सजा है मेरी 


दूसरों को हँसाने के लिए बहुत बदमाशियाँ करता हूँ 


हद में भी नहीं रहता हूँ कभी मैं 


अब सीखना होगा मुझे हद में रहना 


इस क्रूर दुनिया की यही सच्चाई है...


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हाँ, इतना भी खुला नहीं होना चाहिए मुझे 


कि सबको समझ में आ जाऊं 


अपनी चुतियापा अपने हाथों छुपाना भी जरुरी है 


सिर्फ गलती ही नहीं मुझसे अपराध हुआ है, ये मंजूर है 


बस दर्द इतना ही है, कहीं ये नतीजा मेरी चुतियापे का तो नहीं...


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बहुत अच्छी हो तुम, सबक भी सिखाती हो 


अंत में माफ भी कर देती हो 


लगता है तुमने कइयों का जीवन संवारा है 


फिर से ये भद्दा मजाक करने के लिए माफी चाहता हूँ 


मुझे पता है, तुम फिर मुझे माफ कर दोगी 


ताकि मैं फिर से तुम्हारे साथ कोई और मजाक करूँ 


यही तो तुम्हारी खूबसूरती है, लाजवाब है ये अदा 


हो सकता है तुम अंग्रेजी में एक शिकायत पत्र लिख ही दो 


मगर मुझे इतना यकीन है, तुम किसी की फ्यूचर चौपट नहीं करोगी


मैं चाहता हूँ कि यहाँ तुम वो करो जो करने आई हो 


मैंने जो पाप किया है, मुझे सजा मिल जाएगी...


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इन कविताओं को पढ़कर मुझे कॉल करोगी 


और बड़े प्यार से कहोगी- हद है यार...!


तुम्हारे एक कॉल के इंतजार में...


तुमसे भयंकर रूप से भयभीत...


एक अदना सा बड़ा अपराधी...


और भी कई संगीन अपराध करने के मुड में....


हा...हा...हा...हा...


एक अजनबी... मगर आपका कोई अपना ही...


इस नाचीज को सब कंचन ज्वाला कुंदन कहते हैं....


हा...हा...हा...हा...

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