सच तो बहुत नंगा है, नंगा होकर खड़ा हो जाऊं क्या
सदियों पुराने कुछ कड़वा सच पर मैं भी आऊं क्या
इमोशनल डोमेन सबसे बड़ा भारतीय खिलौना है
कहो तो कोई झुनझुना ठीक से मैं भी बजाऊं क्या
आंसू सूख जाएंगे ढंग से कोई फिल्म बन जाए तो
छुआछूत से क्या हुआ सदियों पहले बताऊँ क्या
गोधरा फाइल्स, पुलवामा फाइल्स, फाइलों की ढेर है
सैकड़ों फाइल्स हैं दर्द की ये रोज-रोज सुनाऊं क्या
'फाइल्स' बनाकर जख्म कुरेदना ठीक है या नहीं
मैं भी पुराना जख्म कुरेद कर तुम्हें दिखाऊं क्या
तिजोरी भर जाए फिल्म बनने के पहले या बाद में
कि फ्लैशबैक में होता क्या है कुछ समझाऊं क्या
कोई भी पुराना फाइल खुले खून और आंसू ही रिसेगा
सिर्फ नफरत को धुएं की तरह चारों तरफ फैलाऊं क्या
- कंचन ज्वाला कुंदन
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