साधन के बिना यहाँ जीना नहीं आसान
बटोरना है तुम्हें भी सारा साजो सामान
4 दिन जीवन वाली कहावत है बेकार
सौ साल की तैयारी रहे रखना है ध्यान
निकलना है बाहर बाबाजी के योग से
जरा देखना भी है तुम्हें रुपयों की शान
हाँ खाली हाथ जाना है तुम्हें भी मुझे भी
हमेशा याद रखना मगर सिकंदर महान
मुक्ति के बकबक में बिल्कुल मत जाना
हौले-हौले बढ़ाया करो अपना अरमान
बाबा कहेंगे ही मोह माया में मत पड़ना
जो भी वो मना करे उसे करने की ठान
बनना है पाखंडी और बनना है लालची
मैं खुलकर बता रहा हूँ तजुर्बे का ज्ञान
जितना ज्यादा हो सके मक्कार बनो
यहाँ तभी बच पाएगा तुम्हारा ये जान
जानवर सा लड़ोगे तो आदमी सा बढ़ोगे
और ये लोग तभी करेंगे तुम्हारा सम्मान
सच की सलीब पर लटक मत जाना
है झूठ की दहलीज पर जब ये जहान
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