मुझे बस इतना ही बता दो कि प्यार क्या होता है
किसी को अपना कहने का आधार क्या होता है
मैं तो भटक रहा हूँ अपने ही वजूद की तलाश में
मुझे अब तक पता ही नहीं परिवार क्या होता है
मेरा जीवन बहुत ही छोटा है ये समझने के लिए
मुझे इससे कोई मतलब नहीं संसार क्या होता है
- कंचन ज्वाला कुंदन
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