शुक्रवार, 6 सितंबर 2024

यादों की बंदिशें तोड़ यार

जो हुआ सो हुआ छोड़ यार 

नए रस्ते से नाता जोड़ यार


वो भूल गई तू भी भूल जा 

यादों की बंदिशें तोड़ यार


देख तू ही नहीं है हरजाई

ये सोच का रूख मोड़ यार


महबूबा पर भी बेवफ़ाई का 

कभी तो ठीकरा फोड़ यार 


- कंचन ज्वाला कुंदन

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