जो हुआ सो हुआ छोड़ यार
नए रस्ते से नाता जोड़ यार
वो भूल गई तू भी भूल जा
यादों की बंदिशें तोड़ यार
देख तू ही नहीं है हरजाई
ये सोच का रूख मोड़ यार
महबूबा पर भी बेवफ़ाई का
कभी तो ठीकरा फोड़ यार
- कंचन ज्वाला कुंदन
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