सबसे पहले राजनीति के चरितार्थ को जानो
फिर मजहबी लड़ाई के निहितार्थ को जानो
इस अंतहीन लड़ाई में कब किसे क्या मिला
इसके पीछे कौन है उसके स्वार्थ को जानो
मंदिर-मस्जिद के नाम पर हमें यूँ लड़ाकर
रोटी कौन सेंक रहा है इस यथार्थ को जानो
ये दलित-सवर्ण की लड़ाई को भी देख लो
कुछ उलझे हुए शब्दों के शब्दार्थ को जानो
अतीत में जो हुआ उसे वर्तमान में सुधारो
मेरे कहने का आशय क्या भावार्थ को जानो
क्या होगा कुंदन इस लड़ाई का अंजाम
अरे चुपचाप चलो तुम परमार्थ को जानो
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