तुम्हें अनार पसंद है तो आम तो छोड़ो
जब काजू चाहिए तो बादाम तो छोड़ो
कुछ पाने के लिए कुछ खोने का दस्तूर है
अगर नई सुबह चाहिए तो शाम तो छोड़ो
सक्सेस किसी फुटपाथ पर नहीं मिलता
ये ऐरे-गैरे आलतू-फालतू काम तो छोड़ो
बिस्तर पर पड़े हो, घोड़ा बेचकर सोये हो
अरे यार, अजगर जैसा आराम तो छोड़ो
सफलता में सबसे अहम संगत ही तो है
और कितना छलकाओगे जाम तो छोड़ो
उसकी यादों की भंवर से बाहर भी निकलो
बार-बार जिक्र क्यों उसका नाम तो छोड़ो
जो हुआ भूलो उसे, आजाद करो दिल से
वो सज़ा के काबिल नहीं इनाम तो छोड़ो
- कंचन ज्वाला कुंदन
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