गुरुवार, 12 सितंबर 2024

जब काजू चाहिए तो बादाम तो छोड़ो

तुम्हें अनार पसंद है तो आम तो छोड़ो 

जब काजू चाहिए तो बादाम तो छोड़ो 


कुछ पाने के लिए कुछ खोने का दस्तूर है

अगर नई सुबह चाहिए तो शाम तो छोड़ो 


सक्सेस किसी फुटपाथ पर नहीं मिलता

ये ऐरे-गैरे आलतू-फालतू काम तो छोड़ो 


बिस्तर पर पड़े हो, घोड़ा बेचकर सोये हो 

अरे यार, अजगर जैसा आराम तो छोड़ो 


सफलता में सबसे अहम संगत ही तो है 

और कितना छलकाओगे जाम तो छोड़ो 


उसकी यादों की भंवर से बाहर भी निकलो 

बार-बार जिक्र क्यों उसका नाम तो छोड़ो 


जो हुआ भूलो उसे, आजाद करो दिल से 

वो सज़ा के काबिल नहीं इनाम तो छोड़ो 


- कंचन ज्वाला कुंदन 

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