कुछ लोग
हमारा शुभ होता देख
चिंतिंत हो उठते हैं
आखिर उनके साथ ही
शुभ हो रहा है
हमारे साथ क्यों नहीं
आज के संदर्भ में
यही लोग शुभचिंतक हैं
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