बुधवार, 4 सितंबर 2024

30की उमर में मेरे तजुर्बे हैं अधेड़-सा

अकेले रहने का यहाँ कोई मतलब नहीं

चलो भीड़ में रहो तुम भी भेड़-सा


क्रूरता का समय है तो टेढ़े बनो खूब

वरना काट दिए जाओगे सीधे पेड़-सा


बता रहा हूँ बात मैं सोलह आने सच

30की उमर में मेरे तजुर्बे हैं अधेड़-सा

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