बहुत शर्म आती है ये कहने से क्या बताऊँ यार
चार इंच की चांदनी तक ठहर गया है प्यार
चार अंगुल की बात है बाकी सब बकवास है
अब लड़कियां भी हो चुकी हैं बहुत समझदार
ओयो रूम और जोमेटो की जुगलबंदी भी खूब है
हमारा प्यार भी कमाल है और उनका शानदार व्यापार
याद रख इस शहर में सिर्फ दो ही बातें चलती है
इधर तू भी है तैयार तो उधर वो भी है तैयार
आजकल चड्डीयां बदलने से ज्यादा बदल जाता है इश्क
मैं तो खांमखां परेशान हूँ ये क्या होता है प्यार
- कंचन ज्वाला कुंदन
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