होगा वही ये जानले जिसका तुम्हें भय है
तुम बेहतर नहीं हुए तो बदतर होना तय है
जंगल सा नियम है इस दुनिया का देख ले
लड़ना तो होगा लेकिन जीत पर भी संशय है
सिकंदर भी बन जाएगा तो भी ये सुन ले
सब कुछ है नश्वर कुछ भी नहीं अक्षय है
हर कदम युद्ध है इस जीवन में समझ ले
ये कहने का मेरा बस इतना ही आशय है
सुर सजा ही नहीं सकते तुम किसी भी तरह
अरे ये जिंदगी का साला बेसुरा ही लय है
कंचन ज्वाला कुंदन
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