शुक्रवार, 6 सितंबर 2024

अरे देख लिया जाएगा जो भी होगा साला : अल्फ़ा है अल्फ़ाज में

पिछवाड़े में हुए एक फुंसी ने पूरा सता डाला

दर्द सहने की मेरी औकात क्या है बता डाला


पहले लगा कि अब कभी प्यार नहीं कर पाउँगा

बस एक बार की मोहब्बत ने पूरा हिला डाला  


उसके बाद भी मैं फिर से दिल लगाने चला हूँ

जबकि उस पुराने ही प्यार ने पूरा बजा डाला   


अब जाने कहाँ से उठ रही है फिर से आवाज

इस बार के प्यार में लाईफ होगा झिंगालाला 

  

फिर से मिला है मुझे एक नए प्यार का खत

जब मैंने वे पुराने सभी खतों को जला डाला

  

मैंने ये सोचा कि इतना सोचा भी क्या जाये

फिर एक ही झटके में मैंने दिल लगा डाला  


फिर से ये प्यार करके देख लें क्या कुंदन 

अरे देख लिया जाएगा जो भी होगा साला


- कंचन ज्वाला कुंदन 






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