बुधवार, 4 सितंबर 2024

बधाई हो आप फेल होने के बाद कुछ बेहतर करने के लिए चुने गए हैं...

 आज १०वीं-१२वीं का परीक्षा परिणाम जारी हुआ. पास हो चुके बच्चे बेहद उत्साहित हैं. फेल हो चुके बच्चे निराशा के गर्त पर जा चुके हैं. रिजल्ट जारी होते ही घर-परिवार, अड़ोसी-पड़ोसी, पड़ोसी के पड़ोसी सब एक ही बात पूछते हैं कितना परसेंट आया. कितने नंबर लाये. अंकों का होड़ कितना खतरनाक होते जा रहा है. आज रिजल्ट जारी होने के हफ्तेभर में ही कई सुसाइड की ख़बरें सामने आएंगी. आप मुझे ये बताओ इन नंबरों का जीवन में क्या काम है. इन नंबरों का जीवन में महत्व क्या है. 


मैं अपने विद्यार्थी जीवन में हर साल टॉप करता रहा. इसके बावजूद आज पर्यंत एक औसत आदमी बना हुआ हूँ. मैंने अंकों के चलते कोई खास सफलता अर्जित नहीं की. एमफिल तक की पढ़ाई के बाद चाट-गुपचुप वाले से भी कम कमाता हूँ. प्रिय विद्यार्थियों आज आप सबको एक ही बात कहना चाहता हूँ. हमारा वर्तमान एजुकेशन सिस्टम अव्वल दर्जे का चुतियापा है. फेल हो चुके किसी भी बच्चे को सुसाइड जैसी बात सोचने की जरूरत नहीं है. एक कागज मात्र परीक्षा परिणाम के लिए घातक कदम उठा लेना मूर्खता है.  


फेल हो चुके मेरे प्यारे विद्यार्थियों मुझे तो बेहद ख़ुशी है कि आप अंकों की दौड़ में फेल हो गए. मुझे तो इस बात की भी ख़ुशी है कि अंकों की अंधी दौड़ में आप बहुतों से पीछे रह गए. आपका नंबर जितना भी कम आया है मुझे उतना ही  ख़ुशी है. क्योंकि मुझे पक्के से यकीन है आप ही इस कचरा दौड़ से बाहर निकलकर कुछ बेहतर करोगे. अंकों की दौड़ में हम जैसे भटक जाने वाले लोग जीवनभर हाथ मलते रह जाएंगे. मुबारक हो कुदरत ने आपको अभी से चेता दिया है कि अंकों की दौड़ से आप बाहर निकल जाओ. मुझे ख़ुशी है आप अंकों की दौड़ से हटकर कुछ बेहतर करने के लिए चुने गए हैं. 


मैं इन दिनों हमेशा सोचता हूँ कि काश किसी कक्षा में मैं भी फेल हो गया होता. सच कहूँ तो मैं किसी कक्षा में फेल होने के बाद शायद जीवन के किसी और क्षेत्र में पास हो जाता. ५वीं, ८वीं, १०वीं, १२वीं, बेचलर ऑफ़ आर्ट, मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म, मास्टर ऑफ़ फिलोसोफी... ये सब कचरा बटोरने में मेरा एक तिहाई जीवन बर्बाद हो गया. आज १०वीं, १२वीं में फेल हो चुके विद्यार्थियों से ये साफ़ तौर पर कहना चाहता हूँ कि कागज के टुकड़े के लिए जिंदगी बर्बाद न करें. कागज के टुकड़े के लिए निराश होने की कोई जरूरत नहीं है. 


आप फेल हो गए हैं तो मिठाई बांटो. अच्छा है इस कचरा सिस्टम से आप बाहर निकल जाओगे. रट्टामार किताबें फाड़ो छोड़ो पढ़ाई. ये केवल अव्वल दर्जे का चुतियापा है भाई. फेल हो चुके निराश बच्चे मुझे तत्काल कॉल करें. मुझे आपसे बातचीत कर गौरव की अनुभूति होगी. आप कुदरत के स्पेशल चाइल्ड हैं. बधाई हो आप फेल होने के बाद कुछ बेहतर करने के लिए चुने गए हैं.  


 


आपका अपना ही


कंचन ज्वाला कुंदन 

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