गुरुवार, 5 सितंबर 2024

कुछ रूहानी भी है आज समझ आ गया...

किसी से कैसे होता है प्यार

कैसे पनपता है प्यार

मन में कहां से आते हैं

प्यार के विचार

इसकी कोई तो जमीं है

जहां से फूटते हैं 

प्यार के अंकुर

कोई तो आसमां है

जो इसे सींचता होगा

एक बात तो पक्की है

प्यार का दुनिया सिर्फ जिस्मानी नहीं है

कुछ रूहानी भी है आज समझ आ गया...


- कंचन ज्वाला कुंदन


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