कहे कुंदन कविराय
गुरुवार, 5 सितंबर 2024
सब मिट्टी का है
मेरा मान
अपमान
अभिमान
स्वाभिमान
छल प्रपंच
छद्म जीवन
सब मिट्टी का है
मैंने महसूस कर लिया आज
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