शुक्रवार, 6 सितंबर 2024

चार इंच की चांदनी : मेरे हाथों बेचारा तकिया मसल जाता है

और भी कई काम भले अधूरा करता हूँ

याद करना मेरा काम ये पूरा करता हूँ 


अब भी कोई शिकायत तो नहीं है मैडम

मैं बंद करके आँखें तुम्हें घूरा करता हूँ 


मेरे हाथों बेचारा तकिया मसल जाता है 

ये पता नहीं मैं अच्छा या बुरा करता हूँ   


- कंचन ज्वाला कुंदन 




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