बचत के बारे किसी किताब ने बताया ही नहीं
अमीर बनना किसी किताब ने सिखाया ही नहीं
बहुत बेकार है हमारा ये एजुकेशन सिस्टम
इसने जीवन के बारे में कुछ पढ़ाया ही नहीं
काश पहले पता चलता तुरंत छोड़ देता पढ़ाई
इस रट्टामार पढ़ाई ने मुझे कुछ बनाया ही नहीं
इन किताबों से बेहतर की उम्मीद क्या रखूं
न आगे कुछ मिलेगा न पहले कुछ पाया ही नहीं
मुझमें तो कतई नहीं एजुकेशन सिस्टम में कमी है
इसीलिए मेरे हिस्से कुछ बेहतर कभी आया ही नहीं
- कंचन ज्वाला कुंदन
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