बुधवार, 4 सितंबर 2024

काश पहले पता चलता तुरंत छोड़ देता पढ़ाई

 बचत के बारे किसी किताब ने बताया ही नहीं

अमीर बनना किसी किताब ने सिखाया ही नहीं


बहुत बेकार है हमारा ये एजुकेशन सिस्टम

इसने जीवन के बारे में कुछ पढ़ाया ही नहीं


काश पहले पता चलता तुरंत छोड़ देता पढ़ाई

इस रट्टामार पढ़ाई ने मुझे कुछ बनाया ही नहीं


इन किताबों से बेहतर की उम्मीद क्या रखूं 

न आगे कुछ मिलेगा न पहले कुछ पाया ही नहीं


मुझमें तो कतई नहीं एजुकेशन सिस्टम में कमी है

इसीलिए मेरे हिस्से कुछ बेहतर कभी आया ही नहीं


- कंचन ज्वाला कुंदन 

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