हम बच नहीं रहे हैं कहीं भी बचाके
ये सिस्टम ले रहा है हमारी बजाके
सिस्टम का साला कोई सिस्टम ही नहीं
भरे पड़े हैं सबके सब वियाग्रा खाके
नेता-मंत्री ले रहे हैं अलग से हमारी
और दफ्तर में बॉस अलग से बुलाके
गंभीर मुद्दे हैं इसे गंभीरता से लो
खुद पर ही यूँ मत उड़ाओ ठहाके
हाशिये पर है अब आम की औकात
और सेब बैठ गए हैं सियासत में जाके
अरे कहके ले लो तुम भी सबकी
हर दिन बढ़िया सा तेल लगाके
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