धोखे खाकर पछताओ मत तुम भी धोखेबाज बनो
जब दगा दिया तुम्हें किसी ने तुम भी दगाबाज बनो
तुम झूठ बोलो सरासर और छुरा घोंप दो पीठ पीछे
दूध पीकर जहर उगलो चलो तुम भी नागराज बनो
ये पुनीत काम है मानो अब कल पर यूँ न टालो तुम
तुमसे यही गुजारिश है कि जो बनना है आज बनो
- कंचन ज्वाला कुंदन
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