भाजपा के सबो नेता नंदागे
बिचारा मन बरफ सरी घुरगे
जब चांउर वाले बबा निपटगे
ओखर आदमी के दिन पुरगे
नवा सरकार के राजकाज म
अपन आदमी के दिन बहुरगे
इही ल कथे ग भैया समारू
छरियाय सबो गदगदाके जुरगे
भइगे अब तहू राज्योत्सव मना
बंधागे लाड़ू अउ बरा चुरगे
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