शुक्रवार, 29 नवंबर 2024

ये शुक्राणु है आत्म सम्मान



मानव के लिए वीर्य वरदान 

वीर्य से ही बनता है इंसान 


कि शुक्र-रज के मिलन पर 

बांटते हैं कुछ कचरा ज्ञान 


मूल्यवान धातु है शुक्राणु

ये शुक्राणु है आत्म सम्मान  


कि पैदा होते हैं धरती पर 

शुक्राणु से ही मर्द महान 

देखो दाबके डांस दबाकर

 


कदमताल का सुंदर नमूना 

देखो दाबके डांस दबाकर 


दो-चार स्टेप सीखो तुम भी 

नाचते कैसे पांव थिरकाकर 


कहना क्या चाहता बैली डांस 

काम-भाव में कूल्हे मटकाकर 


करो पार्टनर संग टैंगो डांस 

हाथ पकड़कर, पैर फंसाकर 

है बड़ा गजब आधुनिक लव

 


कई प्रेम-प्रसंग, एकाधिक लव 

है बड़ा गजब आधुनिक लव 


क्षण भर का नैन-मटक्का ही 

बन जाता है दीर्घकालिक लव 


निठल्लापन और इश्क खुमारी 

रातभर चलता फोनेटिक लव 


रतजगा में सिगरेट की आदत 

यही बन जाता है तपेदिक लव

सिर्फ सेक्स किया जाता है लव में

 


प्रपोज करने के लिए अदब से 

पहले रोज दिया जाता है लव में 


सिलसिला चलता है सेक्स का 

फिर रोज़ लिया जाता है लव में 


प्रेम और रूह रह जाता है अधूरा 

पूरा जिस्म दिया जाता है लव में 


प्यार का सुंदर पोशाक पहनाकर 

सिर्फ सेक्स किया जाता है लव में 

ठंड के साथ उसे लंड पसंद था

 


ठंड के दिनों का वो मधुर मिलन 

ऋतु में उसे बहुत ठंड पसंद था 


सेक्स साक्षी हैं सारे ओयो रूम्स 

ठंड के साथ उसे लंड पसंद था 


भा गया था मुझे भी सीने का बूब्स 

मुझे उसकी योनि प्रचंड पसंद था 


एक ही थाली के हम दोनों चट्टे-बट्टे 

मैं उसे, मुझे वो अखंड पसंद था 

लिंग पहुँचता है निचला दरवाजा

 


सब जानते हैं इस बात को 

अलग लेवल है अगला दरवाजा 


मगर कुछ के मूड बनने तक 

कारगर होता है पिछला दरवाजा 


आगे दरवाजे से अंदर घुसते ही 

लिंग पहुँचता है निचला दरवाजा 


ये सेक्स किला फतह करने को 

समझना पड़ेगा मसला दरवाजा 

बस दिल टूटा है औजार नहीं

 


एक चली गई तो दूसरी पटा लो 

बस दिल टूटा है औजार नहीं 


मन ही थोड़ा कमजोर हुआ है 

कि हुआ कमजोर हथियार नहीं 


वो बेवफ़ा हुई तुम हरजाई बनो 

इस प्यार में कोई गुनहगार नहीं 


संतुष्टि के लिए विवाहेत्तर संबंध 

ये व्यभिचार है पर दुराचार नहीं 

कब तक हाथ से फेरोगे माला

 


कितना करोगे हस्तमैथुन ही 

कब तक हाथ से फेरोगे माला 


कोशिश क्यों नहीं करते कुछ 

कि मिल जाए कोई सुंदर बाला 


या फंस जाए कोई मच्छर-मक्खी 

कि बुनो सेक्स का मकड़ा-जाला 


कोई तो मिलेगी 'पापा की परी' 

बुझाओ जिस्म का काम-ज्वाला 

खोला जाता है पूरा कपड़ा

 


नीचे गली में होता है लफड़ा 

ऊपर बूब्स जाता है पकड़ा 


चलता योनि-लिंग में झगड़ा 

मसला जाता है स्तन तगड़ा 


उल्टा-पुल्टा होता है यौन में 

सेक्स विषय है जाला-मकड़ा 


कुछ मिनट का काम-क्रीड़ा 

खोला जाता है पूरा कपड़ा 

मंगलवार, 26 नवंबर 2024

क्योंकि ऊल-जुलूल है डिजिटल सेक्स

 


नाकाम भले ही मोहब्बत हो जाए 

लेकिन हो जाता है मुकम्मल सेक्स 


नस कटता है यौन शिक्षा अभाव में 

जब लव बन जाता इमोशनल सेक्स 


जान बन जाता है जान का दुश्मन 

क्यों सख्त हो जाता है कोमल सेक्स 


सिस्टमेटिक पढ़ाओ सिलेबस बनाकर 

क्योंकि ऊल-जुलूल है डिजिटल सेक्स 

फन उठा रहा है आजकल सेक्स

 


बरसों से कुचलने का असर है 

फन उठा रहा है आजकल सेक्स 


बेतहाशा बढ़ रही दुष्कर्म घटनाएँ 

कहीं हो न जाए कि पागल सेक्स 


दमन का ही दुष्परिणाम है आखिर 

धीरे-धीरे हुआ है घायल सेक्स 


गतिमान रहेगा हाल-बदहाल में 

रोक नहीं सकते मुसलसल सेक्स 

सटीक सारगर्भित आर्टिकल सेक्स

 


ये जीवन का सबसे अहम हिस्सा है 

रहने को छोटा-सा पार्टिकल सेक्स 


निसर्ग ने लिखा है इसे हर सजीव में 

सटीक सारगर्भित आर्टिकल सेक्स 


जनसंख्या नियंत्रण पर कानून जरूरी 

विकराल न बन जाए नेशनल सेक्स 


कुछ राष्ट्रीय मुद्दों से ये कहीं आगे है 

क्योंकि विषय है इंटरनेशनल सेक्स 

कभी जेंटल तो कभी मेंटल सेक्स

 


तुम सेक्स को गलत इसलिए कहते 

तुम्हें रास नहीं आता दरअसल सेक्स 


सेक्स में सैकड़ों दोष देखते हो

हो गए हो क्या जजमेंटल सेक्स 


चलते रहता है चक्कर सेक्स का 

कभी जेंटल तो कभी मेंटल सेक्स 


ख़त्म होने का नाम ही नहीं लेता 

जैसे टीवी का कोई सीरियल सेक्स 

कहीं बन न जाए क्रिमिनल सेक्स



एक उम्र के बाद केमिकल लोचा 

हमें तंग करता है केमिकल सेक्स 


सेक्स में हमेशा सावधानी बरतो 

कहीं बन न जाए क्रिमिनल सेक्स 


कभी खून बहाता है चाकू बनकर 

कभी तन जाता है पिस्टल सेक्स 


ख़तरा बना रहता है जान का 

करते हो जब ट्रायएंगल सेक्स

अपने आप में पूरा हॉस्पिटल सेक्स

 


कंट्रोल में रखता है टेंशन-वेंशन 

दाम्पत्य में काम क्लिनिकल सेक्स 


सैकड़ों दर्द की एक यौन दवाई 

अपने आप में पूरा मेडिकल सेक्स 


शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य का 

अपने आप में पूरा हॉस्पिटल सेक्स 


बिन चीरा लगाए करता है मरम्मत 

तन-मन के लिए है सर्जिकल सेक्स

क्या कहता है प्रिंसिपल सेक्स

 


सेक्स मंथन से कुछ रत्न निकलेगा 

फिर पीना पड़ेगा हलाहल सेक्स 


है संतुलित सेक्स से शांति कायम 

वरना बन जाएगा कोलाहल सेक्स 


हो रहा है सेक्स से सृष्टि संचालित 

ये है अविनाशी, अविरल सेक्स


समझना पड़ेगा और गहराई से 

कि क्या कहता है प्रिंसिपल सेक्स 

पच्चीस अंकों का प्रैक्टिकल सेक्स

 


मजे में देख लिए बात तो ठीक है 

आदत न बन जाए वर्चुअल सेक्स 


शरीर का मैकेनिज्म ऐसे बना है 

जिस्म को चाहिए एक्चुअल सेक्स 


सेक्स एजुकेशन लागू करो अब 

पचहत्तर नंबर थ्योरिकल सेक्स 


और होना चाहिए साथ में जरूर 

पच्चीस अंकों का प्रैक्टिकल सेक्स 

हाथ से हिलाना छोड़ दो

 


दुनिया को हिलाना है तो 

हाथ से हिलाना छोड़ दो 


सेक्सी वीडियो देख-देखकर 

यूँ वीर्य बहाना छोड़ दो 


सेक्स को बस सोच-सोचकर 

खून भी जलाना छोड़ दो 


ऊर्जा को रूपांतरित करो 

तन को सताना छोड़ दो 

या सच बताओ इकठ्ठा कहूँ

 


जीवन के लिए सेक्स अहम है 

या इक़ छोटा-सा हिस्सा कहूँ 


जीवन के लिए गंभीर विषय है 

या हंसी-मजाक किस्सा कहूँ 


सेक्स विषय हवाई जहाज-सा 

या कि ट्रेन, बस, रिक्शा कहूँ 


मैं कह दूँ थोड़ा-थोड़ा करके 

या सच बताओ इकठ्ठा कहूँ 

लेना पड़ेगा थाईलैंड मसाज

 


जब टेंशन में हो इतने आज 

लेना पड़ेगा थाईलैंड मसाज 


शांति के कुछ गिने-चुने रास्ते 

है सौ उलझन में पूरा समाज 


समस्याओं के इस समंदर में 

एकमात्र सहारा सेक्स जहाज 


तनाव में मर जाते सारे लोग

बचा है गनीमत सेक्स इलाज

वासना से ही लड़ोगे

 


मन वश करने पहली लड़ाई 

वासना से ही लड़ोगे 


वासना से बाहर निकलकर ही 

परम की ओर बढ़ोगे 


सहज स्वीकारो वासना को 

चरम तभी चढ़ोगे 


वासना दमन में उलझे रहे तो 

नवजीवन कहाँ गढ़ोगे 

सेक्स में नहीं है कोई दुर्गंध

 


सेक्स में नहीं है कोई दुर्गंध 

सूंघकर देख लो सेक्स सुगंध 


ख़राब कहने वालों को भी 

रात में चाहिए सेक्स प्रबंध 


हम सेक्स से ही जन्मे हैं जब 

तब नहीं छुटेगा सेक्स संबंध 


संभव ही नहीं विलग हरगिज

हम गूंथे रहेंगे सेक्स निबंध 

रविवार, 24 नवंबर 2024

इसे बम जैसा क्यों फोड़ते हो

 


क्या सेक्स शब्द में दुर्गंध है 

जो नाक-भौं सिकोड़ते हो 


सेक्स रात में अच्छा लगता है 

तो दिन में मुंह क्यों मोड़ते हो 


शरमा जाते हो शब्द सुनकर 

इसे शर्मिंदगी से जोड़ते हो


सारे विषयों पर सहज चर्चा 

इसे बम जैसा क्यों फोड़ते हो 

जब ढंकोगी नहीं मिठाइयां

 


जब ढंकोगी नहीं मिठाइयां 

भिनभिनाएंगी ही मक्खियाँ 


दोष देती हो मेरी नजरों को 

कहती हो- गंदी तेरी अँखियाँ 


सुधार दोतरफा होना चाहिए 

क्या केवल मुझमें है कमियां 


स्वीकार करें हम दोनों कुछ

या खुला करें सब पाबंदियां 

संसद-सीना के दोनों सदनों पर

 


कि टिकी रहती है सबकी नजर 

संसद-सीना के दोनों सदनों पर 


कोशिश करते हैं सब पढ़ने की 

क्या लिखा है उसके नयनों पर 


कुछ तो रख देते हैं आँखों से ही 

अपना अधर भी उनके अधरों पर 


आँखों से हो रहे हैं डिजिटल रेप 

कुछ यकीन करो इन चर्चों पर 

रसगुल्ला चाहिए दबाने वाला

 


कि और कितना खाते रहेंगे 

रसगुल्ला खा लिए खाने वाला 


अब जी ललचाए रहा न जाए 

रसगुल्ला चाहिए दबाने वाला 


परोसो कोई ऐसा पकवान कि

हो बिस्तर को गरमाने वाला 


अब हमें चाहिए मालपुआ भी 

लिंग राज को ललचाने वाला 

कुछ लोग करते हैं ट्राएंगल लव

 


शादी के बाद ही पता नहीं क्यों 

कि जारी हो जाता है दंगल लव 


होशियार हैं इतने कुछ लोग कि 

बाहर भी रख लेते हैं मंगल लव 


सबका अपना अंदाज अलग ही 

कुछ लोग करते हैं ट्राएंगल लव 


कुछ सर्कल लव में लव का फंडा 

कुछ लोग करते हैं रेक्टेंगल लव 

है पंद्रह-पच्चीस से जंगल लव

 


खुद से जता लो प्यार कभी

खुद से कर लो सिंगल लव


संभल नहीं रहा हमसे इधर 

कर लिया हमने डबल लव 


कैसे मैनेज कर लेते हैं कुछ 

जो लोग उलझे हैं ट्रिपल लव


और क्या बताऊँ कुछ का तो 

है पंद्रह-पच्चीस से जंगल लव 

मधुर मिलन में जाम ज्वाला

 


आग में करे ये घी का काम 

मधुर मिलन में जाम ज्वाला 


शराब और शबाब दोनों का 

एक ही तरह है नाम ज्वाला 


दोनों को पियो दोनों को जियो 

बुझाओ अपना काम ज्वाला 


ठंड में गुजर गया सुबह प्रिये 

आ जाओ बना दो शाम ज्वाला

किसी का बिल चाहिए

 


दिल लगाने के लिए किसी को 

किसी का दिल चाहिए 


लंड घुसाने के लिए किसी को 

किसी का बिल चाहिए 


किसी को उथला तालाब ही काफी 

किसी को गहरा झील चाहिए 


कि किसी को किसी से सेक्स में 

कोई नया फील चाहिए

ये सारे उल्लू के पट्ठे लोग

 


ज्ञान बघारेंगे सेक्स पर भारी 

ये सारे उल्लू के पट्ठे लोग 


सेक्स पर फेल हैं पूरी तरह 

खुद बड़े-बड़े हट्टे-कट्टे लोग 


स्वांग रचेंगे सेक्स का ऐसा 

सेक्स के फट्टू-फट्टे लोग


कमल-ककड़ी कीचड़ में ही 

साफ़ दिखेंगे कमलगट्टे लोग 

खुद ही चाटेंगे बुरचट्टे लोग

 


दूसरों को देंगे निषेध ज्ञान 

खुद ही चाटेंगे बुरचट्टे लोग 


दिमाग चाटेंगे तेल की तरह 

ये बड़े हरामी तिलचट्टे लोग 


पीसते रहेंगे मसाला मजे से 

ये सेक्स के सिलबट्टे लोग 


दूसरों के सामने मीठा बनेंगे 

अंगूर की तरह खट्टे लोग 

शनिवार, 23 नवंबर 2024

खड़े लंड को धोखा देकर जाने के लिए आ

 


पीरियड्स चल रहा है तो कोई बात नहीं

ऐसे में केवल लिंग को सहलाने के लिए आ


सहलाने का मन नहीं तो सहलाना भी मत 

खड़े लंड को धोखा देकर जाने के लिए आ 


लगने लगा है सफ़ेद जंग हथियार में मेरे 

आ हाथ से ही लंड को हिलाने के लिए आ 


प्यार न सही तो कितना करती नफ़रत हो 

कि नफ़रत ही मुझको बताने के लिए आ 

अब चूत चाहिए मुझको चुदाने के लिए आ

 


बेमन ही सही मन को बहलाने के लिए आ 

वफ़ा न सही बेवफ़ा कहलाने के लिए आ 


मैं प्यार करता हूँ तुमसे चुदक्कड़ बहुत हूँ 

अब चूत चाहिए मुझको चुदाने के लिए आ 


सेक्स से भर जाए तन और संतुष्टि से मन भी 

सेक्स में मुझको सराबोर भिगाने के लिए आ 


अगर भर गया है मन तेरा मेरे साथ सेक्स में 

मुझे आखिरी बार छोड़के जाने के लिए आ 

आ आख़िरी बार मेरे साथ चुदाने के लिए आ

 


आखिरी बार दिल मेरा बहलाने के लिए आ 

आखिरी रात चूत अपना दहलाने के लिए आ 


आ आखिरी बार मुझे आजमाने के लिए आ 

वीर्य का अंतिम बूँद भी टपकाने के लिए आ 


आईसक्रीम जैसा लंड मेरा खाने के लिए आ 

कि ठंडे पड़े बिस्तर को गरमाने के लिए आ 


तेरी जुदाई की आग में झुलसाने के लिए आ 

आ आख़िरी बार मेरे साथ चुदाने के लिए आ 

बूब्स के साथ भी भरपूर खेलो

 


कि वो ही कितना मुंह में लेगी 

तुम भी कभी तो मुंह में ले लो 


यौन में मीठा एहसास के लिए 

कभी-कभी कड़वा दर्द झेलो


ओरल सेक्स से घोलो यौनरस

बूब्स के साथ भी भरपूर खेलो


काम के पहले क्रीड़ा करो खूब 

उसके बाद फिर जमकर पेलो 

ये कामुक नृत्यों के भाव भंगिमा

 


ये गलत धारणा किसने थोपा 

सेक्स को कहते जहर है धीमा 


कि जड़ समेत उखाड़ ही फेंको 

जब सेक्स नहीं है मनुष्य गरिमा 


उड़ान दो कामुक कल्पना भी 

बनाओ सेक्स को सुंदर प्रतिमा 


कि प्रेम का ही उत्कृष्ट मिसाल है 

ये कामुक नृत्यों के भाव भंगिमा 

नहीं रोक सकता वीर्य स्खलन

 


कि सेक्स करते-करते कोई भी 

नहीं रोक सकता वीर्य स्खलन 


कि एक भी नहीं इस धरती पर 

जो ख़त्म कर दे सेक्स ज्वलन 


अपवाद होते हैं हर विषय पर 

यहाँ उसकी बात नहीं मसलन 


क्या-क्या न कराले सेक्स हमसे 

कोई कर नहीं सकता आंकलन 

लिंग बंदूक है वीर्य गोली है

 


योनि के लिए ही बना है ये 

लिंग बंदूक है वीर्य गोली है 


कि वो भी बहुत चालाक है 

तुम गलत सोचते हो भोली है 


बदन पर एक कपड़ा नहीं 

उतार भी दी उसने चोली है 


अब दागो तुम दनादन गोली 

गोली खाने को सब खोली है 

सेक्स को भी हमने कपड़ा पहनाया

 


जब कपड़ा पहनना सीख गए हम 

सेक्स को भी हमने कपड़ा पहनाया 


कि सेक्स को बढ़िया ढंग से सजाकर 

इसका नाम नया हमने प्रेम बताया 


अब कपड़े नहीं उतारना एक भी 

हम सबने इसको डराया-धमकाया 


आखिर गुप्त ज्ञान बन गया धीरे-धीरे

तेज भाग न सके इसलिए पंगु बनाया 

कब तक बनेगा हाथ सहारा

 


कर लो तौबा हस्तमैथुन से 

कब तक बनेगा हाथ सहारा 


असली आनंद डुबकी में है 

बहने के लिए कोई ढूँढो धारा 


छोड़ो ये मुट्ठीमार की आदत 

कर लो इससे एक किनारा 


शारीरिक-मानसिक रूप से 

कहीं बन न जाओ तुम नकारा 

शुक्रवार, 22 नवंबर 2024

विपरीत लिंग में आकर्षक भाव

 


पड़ताल कर लो तुम पूरी तरह 

क्या कहता उन्मादक भाव 


आखिर मन में आता कहाँ से 

सेक्स को लेकर मादक भाव 


क्या कोई केमिकल लोचा है ? 

विपरीत लिंग में आकर्षक भाव 


नहीं-नहीं, स्वाभाविक है सेक्स 

सेक्स है सृष्टि संचालक भाव 

वहां भी मिलेगा उत्तेजक भाव

 


कि फिर रहे हैं जो उपदेश देते 

रहस्य क्या है उपदेशक भाव  


कुछ गुरु मिलेंगे गुरुघंटाल-सा 

वहां भी मिलेगा उत्तेजक भाव 


अश्लील का टैग लगाते झट से 

आखिर ये कैसा विवेचक भाव 


अंतर तो केवल नजरिये का है 

उसने देखा नहीं कलात्मक भाव 

पोल डांस का कामोत्तेजक भाव

 


मैं जानना चाहता हूँ मुझे बताओ 

बेली डांस का अभिव्यंजक भाव 


समझना चाहता हूँ मुझे समझाओ

पोल डांस का कामोत्तेजक भाव 


है कामुक नृत्य में नैसर्गिक आनंद 

कि समझना पड़ेगा संकेतक भाव


तुम कहते हो जिन्हें अश्लील नृत्य 

मैं महसूस करता हूँ उत्प्रेरक भाव 

आओ कभी रसरंग गली

 


तन की कुछ तमन्ना समझो 

गुजरो कभी तंग गली 


नवरंग भर दो तन में अपना 

आओ कभी रंग गली 


रहस्यों का खजाना भरा है 

देखो कभी सुरंग गली 


नवरस भर लो जीवन में भी 

आओ कभी रसरंग गली 

कि गहरे उतरते हैं गहरे लोग

 


बस ऊपर-ऊपर रह जाते हैं 

कि थाह नहीं पाते उथले लोग 


सब कुछ सेक्स की गहराई में 

कि गहरे उतरते हैं गहरे लोग


सेक्स की गहराई उनसे पूछो 

जो गहन गहराई में उतरे लोग


सेक्स में संतुष्टि सेक्स है सोना 

ये सच जानते हैं सुनहरे लोग 

ये यौन के सब कलपुर्जे लोग

 


सेक्स बिना तो जी नहीं सकते 

हों लंगड़े-लूले या अंधे लोग 


जिस्म की भाषा सब जानते हैं 

आवाज सुन लेते हैं बहरे लोग 


सेक्स में सिर्फ इशारा काफी 

सेक्स में पढ़ लेते हैं चेहरे लोग


आखिर सेक्स से जन्मे हैं सारे 

ये यौन के सब कलपुर्जे लोग 

वरना मर जाते सब मुरझे लोग

 


सौ बातें सुलझाया है सेक्स ने 

ये जानते हैं सब उलझे लोग 


और सेक्स ही सब उलझन है 

ये जानते हैं खूब सुलझे लोग 


सेक्स ने ही कुछ हरा किया है 

वरना मर जाते सब मुरझे लोग 


सहेज रखा है सेक्स ने सबको 

सब टूटे-फूटे और बिखरे लोग 

गुरुवार, 21 नवंबर 2024

और रहेगा सेक्स युग प्रलय

 


सेक्स प्रेम से अलग है क्या 

कहो सेक्स का क्या आशय 


धरती की शुरुआत से सेक्स

और रहेगा सेक्स युग प्रलय 


निसर्ग में ही सेक्स घुला है 

पानी में जैसे शक्कर विलय 


रहेगा युग-युगांतर तक ये 

सेक्स अक्षुण्ण और अक्षय 

सेक्स पर संभव नहीं विजय

 


सोलह आने सच बताना 

सेक्स को लेकर क्या विस्मय 


कब से चल रहा ये बताओ 

तन-बदन का क्रय-विक्रय 


कब कैसे और कहाँ हुआ 

इस धरती पर सेक्स उदय 


जो जीतना है जीत लो तुम 

सेक्स पर संभव नहीं विजय 

सेक्स एकदम निजी विषय

 


मुझको तो इस बात पर कि 

यूँ रत्तीभर भी नहीं संशय 


बिल्कुल गलत है दखलंदाजी

सेक्स एकदम निजी विषय 


कैसे करना, कितना करना 

भग भोगो होकर निर्भय 


सेक्स को गंदा नहीं कहोगे 

आज से ही एक करो निश्चय 

गुड मॉर्निंग मेरी जान का रिश्ता

 


गुड मॉर्निंग मेरी जान का रिश्ता

हमारे बीच अरमान का रिश्ता


लेन-देन भी जारी आज तक 

प्यार है या दुकान का रिश्ता


पहले तो अजनबी थी बिल्कुल 

बाद में मिली पहचान का रिश्ता 


मैं नहीं जानता जो भी हो ये 

स्थापित है सम्मान का रिश्ता

तभी मजा तूफानी संबंध

 


सेक्स में सावधानी जरूरी 

बचे रहो बचकानी संबंध 


जान का खतरा रहता है 

सेक्स में कोई नादानी संबंध 


हवस का हस्र हमेशा बुरा 

दूर रहो हैवानी संबंध 


जोश के साथ जब होश रहे 

तभी मजा तूफानी संबंध 

जानू और जानी संबंध

 


मेरी कब्रगाह तक जाएगा 

जानू और जानी संबंध 


शायद तुम नहीं जानोगे 

दीवाना और दीवानी संबंध 


आज भी होता है टेलीपैथी 

जारी है आसमानी संबंध 


चमक रहेगी जीवन भर 

हमारे बीच नूरानी संबंध 

कैसे भूलूं जिस्मानी संबंध

 


उसी ने एहसास कराया 

मेरा मुझसे जवानी संबंध 


पहला अनुभव कैसे भूलूं 

कैसे भूलूं जिस्मानी संबंध 


जिस्म मिलकर भीगा रूह 

कैसे भूलूं रूहानी संबंध 


गूंथा हुआ है तारीखों में 

सारा प्रेम कहानी संबंध 

भूला नहीं नंबर उसका

 


भूला नहीं नंबर उसका 

पंद्रह साल बाद भी 


यादगार तारीखों में 

आ जाती है याद भी 


उसी ने आबाद की 

और उसी ने बर्बाद भी 


आजीवन गुलाम बनाकर 

किया मुझे आजाद भी 

तब होंगे सारे सपने सच

 


इस छोटे-से जीवन में ही 

एक लंबा इतिहास रच  


चंद दिनों का जीवन भी 

कहेगा लाइफ वेरी मच 


बीयर चीयर्स तू भी कर 

फ्रेंड पार्टी में जमकर नच 


यौन कुंठा से बाहर निकल

तब होंगे सारे सपने सच 

जेब में रखो कंडोम कवच

 


मन में बहुत है यौन कुंठा 

सब भरे पड़े हैं खचाखच 


सेक्स गियर पे गाड़ी चलाओ 

ध्यान रखो बस ब्रेक क्लच 


कितना देखोगे पोर्न वीडियो 

छोड़ो मोबाइल स्क्रीन टच 


जैसा तुम रूमाल रखते हो 

जेब में रखो कंडोम कवच

मत भूलना मृत्यु का सच

 


कुछ दिन के मेहमान हो 

मत भूलना मृत्यु का सच 


छोड़ जाओगे सब यहाँ पर 

कर लो जितना भी लालच 


धन इकठ्ठा कितना करोगे 

कहीं हो न जाए तुम्हें अपच 


आनंद के कुछ पल गुजारो 

सेक्स करो कुछ गचागच 

जब देखा नहीं गरम सपना

 


बेकार है तुम्हारा जीवन ही 

जब देखा नहीं गरम सपना 


सेक्स में शरम करने से अच्छा 

कि फूट जाए करम अपना 


सेक्स कहने में कैसी लज्जा 

सेक्स पर तोड़ो भरम अपना 


काम शास्त्र भी खोलो कभी 

चार पुरुषार्थ धरम अपना 

मंगलवार, 19 नवंबर 2024

अंतर्राष्ट्रीय सेक्स दिवस

 


इसे गंदा कहने वाले गंदे 

सेक्स है पूरा मुक़द्दस 


सेक्स सार है जीवन का 

इसमें समाहित सारे रस 


अगर सेक्स में बैन लग जाए 

मर जाएंगे झुलस-झुलस 


देखना कभी ऐलान होगा 

अंतर्राष्ट्रीय सेक्स दिवस 

एस्कॉर्ट से मिलो मॉरीशस

 


करो कभी सेक्स टूरिज्म 

एस्कॉर्ट से मिलो मॉरीशस


सेक्स फेस्टिव में करो मजे 

बार्सिलोना में लूटो रस 


होकर आना थाईलैंड भी 

वरना जीवन है नीरस 


ऑस्ट्रिया जर्मनी कोलंबिया 

चेहरे में होगा नया तेजस 

रहम करो अब हो गया बस

 


ये सेक्स  ऐसी चीज है कि 

कभी तीज है कभी तेरस 


कभी छलकेगा सेक्स कलश 

कभी तरसोगे केवल दरश 


मिन्नत करते रहोगे केवल 

बीत जाएंगे कई बरस 


कभी कहोगे करो तरस 

रहम करो अब हो गया बस 

कभी सेक्स ऋतु पावस

 


सेक्स अकाल सूखा कभी 

कभी सेक्स ऋतु पावस 


कभी सेक्स कुलांचे मारे 

सेक्स लगेगा कभी आलस 


ये उम्र-उम्र की बात है कि 

सेक्स ठंडा या सेक्स उमस 


सेक्स सात्विक भाव कभी 

ये कभी रजस कभी तमस 

सेक्स नहीं है संयोगवश

 


सेक्स शरीर विज्ञान है एक

सेक्स नहीं है संयोगवश 


हमने इसको गुप्त बनाया 

ना जाने किस कारणवश 


सब शर्मिंदा सेक्स शब्द से 

पता नहीं किस संकोचवश 


सेक्स गति का ध्यान रखो 

बहने दो इसे स्वभाववश 

सेक्स कर देता है बेबस

 


बड़े ही अच्छे-अच्छों को 

सेक्स कर देता है बेबस 


अंतर्मन में बैठ गया तो 

होता नहीं है टस-से-मस 


जानबूझकर दबाओ मत 

नहीं तो निकालेगा खुन्नस 


सोचो कैसे व्याख्या करेगा 

सेक्स संदर्भ प्रसंगवश 

सेक्स न बन जाए ब्रह्मराक्षस

 


अच्छा एक और बात सुनो 

आया ध्यान में बात बरबस 


बरतना सेक्स में सावधानी 

सेक्स न बन जाए ब्रह्मराक्षस


सेक्स संक्रामक हो न जाए 

सेक्स को लेकर रहो चौकस 


सेक्स पे संयम लगाम जरूरी 

गहरी बिठा लो बात अंतस 

सेक्स जानता है एक-एक नस

 


हम कहाँ उठेंगे कहाँ बैठेंगे 

सेक्स जानता है एक-एक नस 


बंदर नाच नचाता यही है 

जिंदगी को करता कद्दूकस 


सौ बातों में सेक्स वजह है 

तुम किस बात पे असमंजस 


इसी ने उलझाया पूरा जीवन 

गिर जाओगे खाकर गश 

हर घर में रखा रामचरितमानस

 


कभी सेक्स सहलाता है फूलों-सा 

कभी काटता है बनकर कैक्टस 


अनसिक्योर सेक्स से होता एड्स

कभी मिलता है मुफ्त बड़ा बोनस


दाम्पत्य जीवन में संयम जरूरी

जब पढ़ोगे पूरा सेक्स सिलेबस 


कुछ मर्यादा रखने भी कहता है 

हर घर में रखा रामचरितमानस 

जिंदगी खा जाता है सेक्स राक्षस

 


जीवन भी देता है सेक्स फ़रिश्ता 

जिंदगी खा जाता है सेक्स राक्षस


जीवन के लिए है सेक्स वरदान 

अभिशाप बन करता तहस-नहस


कि सैकड़ों रूप बदलता है सेक्स  

सेक्स गंवार कभी सेक्स जीनियस 


कभी ये हल्का-फुल्का लगता है 

हो जाता है कभी बड़ा सीरियस  

फीका लगता सेक्स मधुरस

 


पहले प्रेम में प्लस पर प्लस 

फिर होने लगता है माइनस 


दिल टूटे आशिक के लिए 

जाम सहारा सिगरेट कश 


पहले सेक्स में मखमल भाव 

बाद में नासूर घाव का पस 


बोझ बढ़ता है जीवन में जब  

फीका लगता सेक्स मधुरस 

बाद में लगता एकदम बोगस

 


पहले सिर्फ सेक्स पर फोकस 

बाद में लगता एकदम बोगस 


कामुक मन खोजता योनि ऐसे 

जैसे ख़ोज में निकला कोलंबस


सेक्स पौध के पोषण खातिर 

बेहद जरूरी है फास्फोरस 


पूर्णिमा जैसा है काम कला 

ये बाद में बनता है अमावस 

जकड़ लूँ बनकर ऑक्टोपस

 


पहले पहल तो नैसर्गिक आनंद 

बाद में बनता सेक्स सर्कस 


इनिशियल स्टेज में लगता है कि 

जकड़ लूँ बनकर ऑक्टोपस 


कामुक मन के प्रथम चरण में 

भरा रहता है यौन ठसाठस 


शुरुआती सेक्स स्वादिष्ट भोजन

लगता बाद में विषाक्त वायरस

जैसे ड्रग्स अफीम गांजा चरस

 


जो सेक्स करता मदहोश पहले 

जैसे ड्रग्स अफीम गांजा चरस 


कि धीरे-धीरे ये क्या होता है 

फिर लगने लगता है चकल्लस 


खुद खाली हो जाता पीते-पीते 

अंतर्मन में भरा सारा सोमरस 


यौन युद्ध में बाणों की बौछार से

तीर बचता नहीं कोई तरकश 

लगने लगता है सेक्स नीरस

 


यूँ तो सेक्स के फायदे बहुत हैं 

नुकसान भी जानो आठ नौ दस 


एक उम्र के बाद हर किसी को 

लगने लगता है सेक्स नीरस 


रात में कभी-कभी ड्यूटी बजा दो 

ये काम रह जाता है इतना बस 


लोहे को सोने में बदलने वाला 

पूरा बेअसर हो जाता है पारस 

है योनि हीटर और ब्लोअर लिंग

 


ये जरूरी नहीं कि हायर लिंग हो 

सेक्स के लिए काफी लोअर लिंग 


सेक्स के प्रॉपर प्रोसेस में सुख है 

पिटपिटी सांप या अजगर लिंग 


सर्दियों में सेक्स का खूब मजा लो 

है योनि हीटर और ब्लोअर लिंग 


घुटने भी टेको हथियार भी डालो 

पर दिखा दो योनि को पॉवर लिंग

काला-कलूटा गोबर लिंग

 


झट से देखो बड़ा हो जाता 

गजब ग्रोथ है ग्रोवर लिंग 


ज्यादा बड़ा नहीं हो पाता 

शो-ऑफ़ है शोवर लिंग 


ओरल सेक्स के दौरान 

बन जाता है बर्गर लिंग 


मधुरस टपकाने लगता है 

काला-कलूटा गोबर लिंग 

गुरुवार, 14 नवंबर 2024

सभी गानों में सेक्स सयाने

 


उन गीतों के तह तक पहुँचो 

कि गीतों में है क्या अफ़साने 


गीतकार कहना क्या चाहता 

शब्द सृजन के सटीक बहाने 


कपड़े-लत्ते सब उतारकर 

जब पूरा नंगा करो हर गाने 


कुंडली मारके बैठा मिलेगा 

सभी गानों में सेक्स सयाने 

योनि केंद्र पर करोड़ों गाने

 


गुप्तांगों में कोई मेकअप नहीं 

फिर भी इसके लाखों दीवाने 


समझ न आए गुप्त जगह पर 

कि छुपे हैं ऐसे क्या खजाने 


बदबूदार जगह के बावजूद

यहीं छेड़ेंगे सुगंधित तराने 


प्यार-मोहब्बत नाम देकर 

योनि केंद्र पर करोड़ों गाने 

मिल जाए जब कोई चरम योनि

 


जमकर काम-क्रीड़ा करो तो 

बिस्तर पर मिलेगा गरम योनि 


भगोष्ठ एकदम सख्त हो जाता 

फिर लुब्रिकेशन से नरम योनि 


इस संसार का सृजनहार यही

कहीं रहना मत कि भरम योनि 


साक्षात्कार करो चरम सुख का 

मिल जाए जब कोई चरम योनि 

प्राप्त करो कोई परम योनि

 


कलियुग में कर्म प्रधान है 

सबका अपना करम योनि


गतिशील धरती योनि से ही 

मैथुन के लिए है धरम योनि 


बताते हैं सब बकबक ज्ञान 

योनि को कहते शरम योनि 


मनुज योनि में जन्म लिए तो 

प्राप्त करो कोई परम योनि

मदमस्त कोई मतवाली गुफा

 


मन रम जाता है मिलने पर कि 

मदमस्त कोई मतवाली गुफा 


तुम नाच उठोगे खुशियों से कि 

मिल जाए जब खुशहाली गुफा 


संवर जाएगा दाम्पत्य जीवन 

कोई मिल जाए रूपाली गुफा 


अहो भाग्य ही समझना उसका 

मिल जाए जिसे आम्रपाली गुफा

खोजो नया कोई काली गुफा

 


जिसे देखकर तृप्त हो जाओ 

खोजो नया कोई काली गुफा 


नल्ला भी निराला बन जाएगा 

मिले जब कोई निराली गुफा 


धन्य मानना जीवन का जब 

तेरे हिस्से प्रतिभाशाली गुफा 


लिंगेश्वर महाराज जहाँ ठहरेंगे 

वो होगा कोई भाग्यशाली गुफा 

कम हो जितना तन पर कपड़ा

 


कम हो जितना तन पर कपड़ा 

खूबसूरत लगोगी उतना तगड़ा 


पार्टी में तुम पर नजर टिकेगी 

ये पहनो परिधान जाला-मकड़ा 


कि बनकर छम्मक छल्लो घूमो 

है तुमको किसने बाँधा-पकड़ा 


तुम बूब्स दिखाते बाहर निकलो 

और मैं घूरूं तो लफड़ा-वफड़ा 

और काटे तुमने कितने पतंग

 


कामयाब कितने प्रणयलीला 

मुकम्मल कितने प्रेम-प्रसंग 


कहाँ-कहाँ पर काम-क्रीड़ा 

कहो साक्षी कितने रहे पलंग 


जंगल-झुरमुट खेत-खलिहान 

याद करो सारे दृश्य अंतरंग 


कितने हुए कुल मधुर मिलन 

और काटे तुमने कितने पतंग

और कहो आंकड़ा नंगधड़ंग

 


तुमने किए कितनों को तंग

रात बिताए कितनों के संग


छाती पहाड़ पर हाथ चढ़ाई

और देखे तुमने कितने सुरंग


ढंग से कितने काम हुए और

कितने कामचलताऊ बेढंग 


आधी कपड़ों में मिली कितनी

और कहो आंकड़ा नंगधड़ंग

कहो कितने जमाए तुमने रंग

 


कहो छुए तुमने कितने अंग

और कितने जीते तुमने जंग


कितने कुटिल कारनामे किए

और कितने किए शील भंग


याद करो कि कहां-कहां पर

कहो कितने जमाए तुमने रंग


आंकड़ा एकदम सच बताना

मैं भले हो जाऊं सुनकर दंग

मंगलवार, 12 नवंबर 2024

काला कलूटा रंगीला भाग

 


इतना कड़ा हो जाता है कि 

हो जैसे कोई पथरीला भाग 


सुंदर लगता बिना सजे ही 

ऐसा है छैल-छबीला भाग 


जमाता है जो रंग सेज पर 

काला कलूटा रंगीला भाग 


यौन में मजा बनाए रखने 

बनाया हमने शर्मीला भाग 

जोश से भरा जोशीला भाग

 


बच्चे की तरह जिद्दी बहुत है 

लिंग का इधर हठीला भाग 


उठ गया कामुक मंजर देख 

जोश से भरा जोशीला भाग 


खड़ा होता है बड़ी फुर्ती से 

सबसे ज्यादा फुर्तीला भाग 


सख्त बहुत हो जाता तनकर 

थुलथुल सहज लचीला भाग 

लिंग का योनि कबीला भाग

 


आदिकाल के गुफा मानिंद

लिंग का योनि कबीला भाग


काला है मगर अब क्या करें

यही सबसे चमकीला भाग


ड्रग हिरोइन में कम नशा है

उससे ज्यादा ये नशीला भाग


सेज पर सुंदर साज छेड़ दो

ये सात सुरों का सुरीला भाग

नाभि नीचे का रसीला भाग

 


लिंग बेचारा सख्त हो जाता

छाती का देख गठीला भाग


ब्रा का बाहर स्ट्रैप दिखता 

काला-पीला और नीला भाग 


जैसे किला फतह करो कोई

आगे का ओपन किला भाग 


जीतने वाले को ही मिलेगा

नाभि नीचे का रसीला भाग

छाती का उभरा टीला भाग

 


हिलते-डुलते रहता है क्यों

मांसल-मांसल ढीला भाग


दो फूल की तरह दिखते हैं

सीने का सुंदर खिला भाग


मदमस्त समंदर बीच में

छाती का उभरा टीला भाग


जिसको देख इधर हुआ है

चड्डी के भीतर गीला भाग

स्तन का वो जहरीला भाग

 


पपीता पूरा दिखता है और

ढंक लेती हो नुकीला भाग


बाहर ताकते रहता है क्यों

स्तन का वो जहरीला भाग 


कपड़ा टाइट पहनती हो पर

ढंकती नहीं हो ढीला भाग


छुपा लेती हो तहसील किंतु

दिखते रहता है जिला भाग

नंगा नाचते हुए भी सोच लेते हैं संस्कृति पढ़ाएंगे

 


नंगे लोगों की मंसूबा है कि नई नदी बनाएंगे

ऐसी खास नदी जिसमें कपड़ा पहन नहाएंगे


नीति नियम कायदे कानून सिर्फ हमारे लिए

ये लोग हर बात की पहले धज्जियां उड़ाएंगे


कैसे जी लेते हैं इतना दोगला बनकर ये लोग

ज़ख्म देंगे खुद और खुद ही मरहम लगाएंगे


कहां से उतरते हैं ऐसे नेक इरादे इनके मन में

नंगा नाचते हुए भी सोच लेते हैं संस्कृति पढ़ाएंगे

ठहरने से अच्छा कि करते रहो सफ़र है

 


बचना चाहते हो तो छूकर निकल जाओ 

खुलकर बात करने में फंसने का डर है 


सेक्स का विषय ही इतना पेचीदा है कि 

जिधर से भी निकलो उधर डिवाइडर है 


चक्करदार रास्ते में उलझना भी तय है 

ठहरने से अच्छा कि करते रहो सफ़र है 


सेक्स के सफ़र को बुरा कहा साजिशन 

इसे ख़राब बताने रचा गया आडम्बर है 

कुछ चश्मा भी बोलता है

 


बाल जो पक गए हैं सर के 

कुछ बुढ़ापा भी बोलता है 


अनुभवी से सीखना बेहतर 

कुछ तजुर्बा भी बोलता है 


कैसे चढ़ा होगा आँखों पर 

कुछ चश्मा भी बोलता है 


सेक्स के मसले में जादू है 

कुछ गूंगा भी बोलता है 

सेक्स के बाद नहाते क्यों नहीं

 


पेशाब के बाद पानी छिड़को 

सेक्स के बाद नहाते क्यों नहीं 


ये इतना अपवित्र काम है तो 

इसे करके पछताते क्यों नहीं 


खाना खाते हो मरते दम तक 

खाना खाने में अघाते क्यों नहीं 


सेक्स को लेकर बातें बकबक 

क्या कारण है बताते क्यों नहीं 

पर चोदना अच्छा लगता है

 


कोई बातें करे तो बुरा आदमी 

सेक्स सोचना अच्छा लगता है 


ख़राब लगता है चोदना शब्द 

पर चोदना अच्छा लगता है 


खुदे हुए खदान को बार-बार 

और खोदना अच्छा लगता है 


चोदने के लिए पूरे नंगे होकर

बेड पे लोटना अच्छा लगता है 

कहो कौन नहीं कामुक होगा

 


कोई बात लग जाए दिल पर तो 

कहो कौन नहीं भावुक होगा 


कामेच्छा दबी हो अंतर्मन तो 

कहो कौन नहीं कामुक होगा 


मादक बला के निमंत्रण पर 

कहो कौन नहीं इच्छुक होगा 


यौन शिक्षा लागू करो फिर 

कहो कौन नहीं जागरूक होगा 

सोमवार, 11 नवंबर 2024

खुले दिमाग से खेल समझोगे

 


खुले दिमाग से खेल समझोगे 

जाना नहीं है पाबंदी लेकर 


मनोरंजन से ज्यादा क्या मिलेगा 

जाओगे जब दिल्लगी लेकर 


खजुराहो से कोई एक नहीं लौटा 

रत्तीभर भी शर्मिंदगी लेकर 


नग्नता में ही वहां क्या रहस्य है 

कोई जाता नहीं दरिंदगी लेकर 

रमकर देखो पोल डांस

 


रमकर देखो पोल डांस 

आओ वहां से ताजगी लेकर 


गहरे उतरो नृत्य भाव में 

लौटो नई जिंदगी लेकर 


खंभे से लिपटी नृत्यांगना 

कहो क्या तिश्नगी लेकर 


यदि तुम्हारा ख्याल बुरा तो 

लौटोगे ही गंदगी लेकर 

ऑनर किलिंग थमेगा कब

 


प्रेम पर पहरा हटेगा कब 

मंडराता बादल छंटेगा कब 


सेक्स टैबू का विषय जटिल 

सरल सब्जेक्ट बनेगा कब 


जात-पात पर प्रेम की बलियां 

ऑनर किलिंग थमेगा कब 


व्यवस्था में ही ढेरों खामियां 

रेप की घटना रुकेगा कब 

रविवार, 10 नवंबर 2024

बढ़ रहा सेक्सुअल फ्रस्ट्रेशन

 


कोल्हू के बैल के जैसा ही तो 

दिनभर भागमभाग का टेंशन 


बिस्तर पर ही योजना बुनेंगे 

रात में फ्यूचर उलझन मेंशन 


काम चलताऊ सेक्स निभेगा 

मन में नहीं प्लेजर इंटेंशन 


सेक्स में जब संतुष्टि नहीं तो 

बढ़ रहा सेक्सुअल फ्रस्ट्रेशन 

पढ़ो पॉप किंग माइकल जैक्शन

 


सेक्स मूव्स हो डांस मूव्स जैसा 

पढ़ो पॉप किंग माइकल जैक्शन 


आनंद से भरा हो एक-एक मूव्स

लाइफ-सेक्स का गहरा कनेक्शन 


जीवन जितने भी भाग में बांट लो 

सबसे बड़ा है सेक्स का सेक्शन 


कोई प्रेमभेद पर लीडर उभरे 

जैसे रंगभेद पर लड़ गए नेल्सन 

सेक्स लाइफ में नयापन लाने

 


सेक्स रोचक बनाए रखने 

नए स्पॉट पर नए पोजीशन 


फोरप्ले का अहम रोल है 

ताजगी भरेगा सेक्स सेशन 


सेक्स लाइफ में नयापन लाने 

ढूँढो कोई बेहतर लोकेशन 


नदी-पहाड़ झरनों के बीच 

बिताओ कोई विंटर वेकेशन 

सेक्स का कोई सुंदर फिक्शन

 


कभी उकेरो ड्राइंग बोर्ड पर 

सेक्स का कोई सुंदर फिक्शन 


कभी कहानी पर्दे पर लाओ 

रेडी लाइट कैमरा एक्शन 


अच्छा-बुरा समझेंगे लोग 

करने दो गहरा इंस्पेक्शन 


सेक्स का टैबू टूटने पर ही 

मिलेगा पॉजिटिव रिएक्शन 

सेक्स एक साइंटिफिक सच

 


सेक्स एक साइंटिफिक सच

दूर होता है इससे डिप्रेशन 


हर आदमी अवसाद में क्यों 

वजह है सेक्सुअल सप्रेशन 


बेहतर सेक्स है ख़ास जरूरी 

तभी चलेंगे सही डायरेक्शन 


अभी कथा-पटकथा रॉन्ग है 

और गलत है पूरा निर्देशन 

करा लो चाहे सेक्स इलेक्शन

 


खड़ा होकर सख्त हुआ क्यों 

क्या कहता है पेनिस इरेक्शन 


सैकड़ों मर्ज की ख़ास दवा है 

योनि का ये पेनिस इंजेक्शन 


यौन नीति में बहुत खामी है 

सेक्स को लेकर सौ करेक्शन 


है सुख-संतुष्टि सबकी मांगें 

करा लो चाहे सेक्स इलेक्शन 

लिंग पर लगाओ गहरा ध्यान

 


शिवलिंग की पूजा करते 

लिंग पर लगाओ गहरा ध्यान 


धीरे-धीरे समझ आ जाएगा 

यौन रस का गुप्त विज्ञान


भग में तटस्थ भाव से बैठे 

प्रभु भोलेनाथ भगवान


द्रष्टा भाव से देख सको तो 

यही मुक्ति मार्ग का ज्ञान 

बस चादर तकिया गद्दा है

 


पब्लिक प्लेस पर नग्नता है 

एकांत में देखो सुंदरता है 


बिना प्रेम के यौनक्रिया भी 

एक मानसिक कुरूपता है


न्यूड का मूड बदलता है 

कभी भारी फूहड़ भद्दा है 


शादी के बाद मूल्य कम 

बस चादर तकिया गद्दा है 



सेक्स की तालीम का

 


हुकूमत में इंतजाम हो 

सेक्स की तालीम का 


सेक्स में सरहद न हो 

किसी भी हाकिम का 


मोहब्बत में क्या काम 

मजहबी अफीम का 


प्रेम में क्रूरता ठीक नहीं 

किसी भी ज़ालिम का 

शनिवार, 9 नवंबर 2024

एक प्रेम पर्यटन झील दो

 


पोर्न साइट से अच्छा है 

उन्हें एक्चुअल फील दो 


कंधे टिकाकर बैठ सकें 

एक प्रेम पर्यटन झील दो 


हर शहर में चकला घर 

या एक-एक तहसील दो 


उन्मुक्त प्रेम में नवसृजन

माहौल तो रचनाशील दो 

और दस-बीस रील दो

 


इतना ही काफी नहीं है 

और थोड़ी-सी ढील दो


स्क्रॉल में लगे हाथों को 

और दस-बीस रील दो 


देखने के लिए अभी तो 

और वीडियो अश्लील दो 


हस्तमैथुन तक पहुंचूं कि 

कंटेंट संवेदनशील दो 

उत्सव जैसा आयोजन सेक्स

 


सेक्स सहज हो भोजन जैसा 

सुबह-शाम संबोधन सेक्स 


जीने के लिए साँस जरूरी 

वैसा ही ये ऑक्सीजन सेक्स 


यौन दमन इतना न करो 

कि बन जाए आंदोलन सेक्स 


सबसे अच्छा यही उपाय 

उत्सव जैसा आयोजन सेक्स 

अदालत में जो अभियोजन सेक्स

 


न डोलेगी धरती न उल्कापात होगा 

मददगार साबित होगा ओपन सेक्स 


हिस्टीरिया पर हिस्ट्री बन जाएगा 

समाज सुधार में भी प्रयोजन सेक्स  


स्वपन दोष भागेगा दूम उठाकर 

कुछ ऐसा करो नियोजन सेक्स 


दोषमुक्त निकलेगा लंबी ज़िरह पर 

अदालत में जो अभियोजन सेक्स 

दुनिया की सौ चीजें सुलझती है

 


मादा क्यों मादक दिखती है 

क्यों समय लगाती सँवरने में 


और कि आखिर रहस्य क्या है 

उसके दिन-ब-दिन निखरने में 


दुनिया की सौ चीजें सुलझती है 

रात एक बिस्तर के बिखरने में 


एक अकेला ही सेक्स सक्षम है 

सौ रोगों का उपचार करने में 

कभी नग्न नहाओ झरने में

 


अच्छा नहीं लगता सुनने में 

सेक्स मजा देता है करने में 


क्रिया में अलौकिक आनंद 

योनि को लिंग से भरने में 


जंगल जाओ रूपकन्या संग 

कभी नग्न नहाओ झरने में 


नहीं मिलेगा जीवन-रस 

इस टैबू सेक्स से डरने में 

ये बाल नपुंसक टकले लोग

 


कहाँ जानेंगे यौन बरगद को 

हैं छोटे-छोटे जो गमले लोग 


यौन संगीत में इन्हें बजाओ 

इतने ही काम के तबले लोग 


केशराशि को कमतर कहेंगे 

ये बाल नपुंसक टकले लोग 


हष्ट-पुष्ट को मोटा कह देंगे 

जन्म कुपोषित पतले लोग 

संसर्ग हीरा है कुदरत का

 


कहने दो उनको जो कहना 

खोखली बातें, खोखले लोग 


यौन कुंठा से भरे पड़े हैं 

दोगली बातें, दोगले लोग 


समझने की कोशिश बेकार 

पागलपन और पगले लोग 


संसर्ग हीरा है कुदरत का 

ये क्या जानेंगे कोयले लोग 

इंडियन-रशियन इश्क जारी है

 


लंड उतरेगा योनि हेलीपेड पर 

रास रचाएंगे सुसज्जित बेड पर 


दिन में सेक्स टैबू बन जाता है 

रात रंगीन करेंगे इम्पोर्टेड पर 


इंडियन-रशियन इश्क जारी है 

बात छेड़ दो विषय वांटेड पर 


अंदर रखेंगे मॉडर्न ख्याल और 

चर्चा करेंगे आउटडेटेड पर 

तोड़ दो सेक्स का टैबू ट्रेंड

 


बात से भी गुरेज है इसमें...?

तोड़ दो सेक्स का टैबू ट्रेंड 


न्यूड-स्यूड सब सिंपल बातें 

सेक्स-वेक्स है अपना फ्रेंड 


आजाद रहने की नसीहत 

इस मसले पर हालत बेंड 


क्या गजब है दोगलापंथी 

रात में करेंगे खुद ही लेंड 

शेयर मार्केट का सेंसेक्स नहीं

 


लिंग का अंदर-बाहर होना 

इतना भर ही सेक्स नहीं 


जितना तुमने बना लिया है 

उतना भी कॉम्प्लेक्स नहीं 


इसका भी मान अज्ञात है 

मगर मैथ्स का एक्स नहीं 


उठना-गिरना इसमें भी पर 

शेयर मार्केट का सेंसेक्स नहीं 

ऐसे रिश्ते का टूटना लाजिम

 


लड़की उसके लायक थी

लड़का श्योर नहीं था


ऐसे ही बंध गए बंधन में 

फैसला मैच्योर नहीं था 


कैसे बंधे रहे बंधन बताओ 

एक भी पक्का डोर नहीं था 


ऐसे रिश्ते का टूटना लाजिम 

जहाँ प्रेम सराबोर नहीं था 

गुरुवार, 7 नवंबर 2024

कठिन सामाजिक दबाव में

 


जीवन रस का स्वांग बाहर 

सांस चल रही पछताव में 


यौन संसर्ग गुप्त चल रहा 

कठिन सामाजिक दबाव में 


इसका उससे उसका इससे 

चक्कर चल रहा घुमाव में 


मामला पकड़ में आ जाता है 

बस किसी-किसी पड़ाव में 

काम यात्रा में दूसरा यात्री

 


नर और मादा दोनों ही 

यूँ बह रहे हैं बहाव में 


सेक्स संतुष्टि के लिए ही 

परस्त्रीगमन स्वभाव में 


स्त्री भी चिपटी है उधर 

परपुरुष है अंतर्भाव में 


काम यात्रा में दूसरा यात्री 

पहला बैठा है बस नाव में 

यौन शिक्षा के अभाव में

 


रिश्ते दरक रहे हैं ज्यादा 

यौन शिक्षा के अभाव में 


यौन कुंठा जरूर मिलेगा 

विवाह विच्छेद के घाव में 


लाखों रिश्ते टिके हुए हैं 

केवल पैसों के प्रभाव में 


तर्क-वितर्क अपनी जगह है 

विवाह संस्था के बचाव में 

सेक्स एजुकेशन होगा तगड़ा फैसला



जीवन भर चुभता ही रहेगा पांव में 

कि कांच की तरह है कच्चा फैसला 


पहले ज्यादा कष्ट देगा फिर बाद में 

सुखमय साबित होगा सच्चा फैसला

 

जवानी के साथ बुढ़ापा ले डूबता है 

कोई एक बचकाना बच्चा फैसला 


बढ़ते तलाक के कारणों को तलाशो 

सेक्स एजुकेशन होगा तगड़ा फैसला 

शादी न निभे तो तलाक बेहतर

 


जहन्नुम जाने का पूरा फैसला 

काफी है एक ही बुरा फैसला 


उलझाए रखता है जीवन भर 

कोई एक मात्र अधूरा फैसला 


शादी न निभे तो तलाक बेहतर 

तन्हा जीने का अच्छा फैसला 


सर खपाने में सर खप जाएगा 

एक ही बार करो पक्का फैसला 

गुफा के बाहर बाल हैं जितने

 


गुफा के बाहर बाल हैं जितने 

गुफा के अंदर रहस्य हैं उतने


ये साधारण कोई खोह नहीं है 

इस खोह में जाने खो गए कितने 


है ही नहीं कुछ सटीक आंकड़ा 

कि कैसे बताऊँ गिनकर इतने 


इस मांद के रास्ते जन्म लिए सब 

और इसी वास्ते मर गए उतने 

यात्रा खुद की ओर करो

 


यौनक्रिया में अंक बढ़ाओ 

और ज्यादा स्कोर करो


कुछ बेहतरीन तरीके से 

सेक्स को एक्सप्लोर करो 


बाहर यात्रा करते-करते 

यात्रा खुद की ओर करो 


परमगति को पा जाओगे 

रस लेकर पुरजोर करो 

कटोरीनुमा भग में लंड जैसा चम्मच

 


सृष्टि ने सृजित किया इसे इस तरह 

यौन सुख भरपूर भोगने के लिए 


कटोरीनुमा भग में लंड जैसा चम्मच 

जीवन में यौन रस घोलने के लिए 


कि यौन में भी छुपा है स्थायी सुख 

कोई खोजी चाहिए खोजने के लिए 


कामतृप्ति के बाद ही रास्ता खुलेगा 

मोक्ष की ओर आगे बढ़ने के लिए 

लंड नहीं बना सिर्फ घोंटने के लिए

 


यौन दमन जारी है जाने कब से

ताकत से लगे हैं रोकने के लिए  


हर रास्ते कुछ कौवे मिल जाएंगे 

काँव-काँव करके टोकने के लिए 


कभी-कभार की बात तो ठीक है 

लंड नहीं बना सिर्फ घोंटने के लिए 


रखे रूमाल का क्या इतना ही काम 

बस वीर्य गिराकर पोंछने के लिए 

किसी को जीभर चोदने के लिए

 


जारी होगा फरमान खुदाई का 

हथियार तेज रखो खोदने के लिए 


हल-बैल भी तैयार रखो पहले से 

उपजाऊ जमीन जोतने के लिए 


मैं जानता हूँ तुम्हारी व्याकुलता 

किसी को जीभर चोदने के लिए 


सेक्सुअल सप्रेशन से ऐसा ही होगा 

बेताबी और बढ़ेगी ठोंकने के लिए 

सेक्स प्रयोग का परखनली है

 


लिंग के लिए जो प्रिय नली है 

सेक्स प्रयोग का परखनली है 


नए प्रयोग में सावधानी बरतना 

अगर डालना भी दो ऊँगली है 


बाहरी परत से भ्रम में रहोगे 

घास देख लगेगा वनस्थली है 


ध्यान रखना उपजाऊ योनि का 

ये सृजन भूमि है जन्मस्थली है 

सेक्स की नींव है कि हिलता नहीं

 


यौन दमन जारी है कब से मगर 

भयंकर दबाव में भी दबता नहीं 


कोशिश झुकाने की लाखों मगर 

अंधड़-तूफान में भी झुकता नहीं 


काम ऊर्जा है नियति की नेमत 

कभी हारकर घुटने टेकता नहीं 


कंगूरे पे चाहो तो पहरा बिठा दो 

सेक्स की नींव है कि हिलता नहीं

मंगलवार, 5 नवंबर 2024

फिर किस कण में शैतान है

 


जब कण-कण में भगवान है 

फिर किस कण में शैतान है


ये हर दिन सौ-सौ बलात्कार 

इंसान कर रहे कि हैवान है 


भगवान देख रहा सब कुछ 

वो क्यों नहीं होता परेशान है 


धर्म, नीति, समाज वगैरह भी 

शायद चलता-फिरता दुकान है 

झड़ गया ट्यूब से पेस्ट

 


सपनों में परियां आती है 

बनकर नाईट गेस्ट 


हो गया फिर से नाईटफाल 

झड़ गया ट्यूब से पेस्ट 


आवारा परिंदा ख़ोज रहा 

छुपने के लिए नेस्ट 


कामवासना फतह करो 

ये है माउंट एवरेस्ट 

पोर्न वीडियो डाइजेस्ट

 


डाइट पर भी कर लेंगे 

पोर्न वीडियो डाइजेस्ट


रात में दो-चार जरूरी 

कुछ दिन में भी इंजेस्ट 


स्क्रॉल पर स्क्रॉल करेंगे 

करेंगे नेक्स्ट पर नेक्स्ट 


सौ पहुंचेगा सेक्सी रील

तब लेंगे रात का रेस्ट 

हिपशेप और चेस्ट

 


आँखों से करेंगे टेस्ट 

कौन कितना है बेस्ट 


चर्चा पर ऊर्जा वेस्ट 

किसका कैसा ब्रेस्ट 


आँखों से ही नापेंगे 

हिपशेप और चेस्ट 


इंटरनेट पर खोजेंगे 

कई वीडियो लेटेस्ट 

आँख सेकेंगे वेबसाइट पर भी

 


रास्ते में निभाएंगे दिन का दस्तूर 

और भारी पड़ेंगे नाईट पर भी 


नेट पर खंगालेंगे सेक्सी वीडियो 

आँख सेकेंगे वेबसाइट पर भी 


नाटी लड़की को ताड़ेंगे खूब 

और नजर रखेंगे हाईट पर भी 


प्यार का परचम लिख आएंगे 

सारे मंदिरों के ग्रेनाइट पर भी 

नजर रहेगी हेडलाइट पर भी

 


घूरने का दस्तूर इन लौंडों का 

घूरना नहीं छोड़ेंगे डाइट पर भी


आंख से खोल देंगे पूरा बोनट 

नजर रहेगी हेडलाइट पर भी 


लौंडे कितने साइज कांशियस

लेफ्ट नजर फिर राइट पर भी 


ढीलेपन का आंकलन कर लेंगे 

और नजर रखेंगे टाइट पर भी 

सोमवार, 4 नवंबर 2024

गिरकर उठना है गर्त में

 


वहां तक पहुंचना है तो 

मैं ले चलूँगा एक शर्त में 


गहराई में गिरना नहीं है 

गिरकर उठना है गर्त में 


जीवन का सारा रहस्य है 

एक इसी गर्त के पर्त में 


संभोग से समाधि मिलेगा

किसी न किसी आवर्त में  

संभोग में भी संयम अपनाना

 


मादक क्रिया का मौज मनाना 

जवानी का पूरा लुत्फ़ उठाना 


सारे लोग बहुत आगे बढ़ गए 

कहीं तुम पीछे रह मत जाना 


जिन बातों में जंग लग चुकी हो 

उन बातों को सीखो ठुकराना 


अतिरेक नहीं संतुलन जरूरी 

संभोग में भी संयम अपनाना 

हर औरत को मादक बनाना

 


नए पोशाक का पोशीदा बहाना 

छिपे कम और ज्यादा दिखाना


निश्चित ही इसका मंशा यही है 

हर औरत को मादक बनाना


मादकता ही सौंदर्य आजकल 

फिर क्या बुरा मादक बन जाना 


ओपन रहो ओपन कल्चर में 

ख़त्म हो गया पर्दे का जमाना 

सीने का सीसीटीवी ऑन रहे

 


सीने का सीसीटीवी ऑन रहे 

रास्तों को कैप्चर करते जाना 


क्योंकि सीने पर ही छुपा है 

तुम्हारा सारा माल खजाना 


साथ में सीना शो-रूम भी है 

इसलिए थोड़ा जरूर दिखाना 


चाहो तो पूरा फल दिखा दो 

लेकिन जरा-सा गुठली दबाना 

ब्रा के बाहर बूब्स का आना

 


पहनावे का ये नया नियम है 

ब्रा के बाहर बूब्स का आना


मगर ध्यान रहे इस बात का 

स्तन दिखे पर निप्पल छुपाना 


मर्दों का मन बना रहे ऐसा 

थोड़ा छिपाना थोड़ा दिखाना 


थोड़ा दिखे थोड़ा छुपा रहे तो 

होता नहीं दिलचस्पी पुराना 

सेक्स में कुछ नया पोजीशन

 


मुख्य मार्ग का मोह त्यागकर 

चलो कभी पगडंडी से 


करना है कुछ नया ट्राई तो

गुजरो जिस्म के मंडी से 


सेक्स में कुछ नया पोजीशन 

सीखकर आओ रंडी से 


गरम मिज़ाज से मिलोगे तो 

बेहतर लगेगा ठंडी से 

संभोग करें अब दनादन

 


कर लो चाहे लाख जतन 

हो जाता है विचलित मन 


दिख जाता है रोज रास्ते 

हिलता-डुलता झांकता स्तन 


सेक्स पसरा है चारों तरफ 

बचने का नहीं कोई साधन 


संयम जब संभव नहीं तो 

संभोग करें अब दनादन 

सारे गुप्त रोगों का इलाज

 


सेक्स वाकई इतना सीक्रेट 

या कि है पिछलग्गू समाज 


दीवारों पर लिखा है देखो 

सारे गुप्त रोगों का इलाज 


इसमें इतना कि गुप्त क्या है 

मैं भी जानना चाहता हूँ आज 


ये समझ नहीं आता आखिर 

इस गुप्त रहस्य का रिवाज 

खुदा हुआ गड्ढा खड़ा खंब देखो

 


खुदा हुआ गड्ढा खड़ा खंब देखो

आओ दो अद्भुत अवलंब देखो  


बंद करो यौनक्रिया में जल्दबाजी 

अब हौले-हौले करके विलंब देखो 


क्षैतिज सेक्स बहुत हो गया हो तो 

सेक्स मैथ्स सॉल्व करने लंब देखो 


मानाकि बूब्स का मजा निराला है 

किंतु कभी-कभी उभरे नितंब देखो 

रविवार, 3 नवंबर 2024

ठहरा हुआ है गुजरा नहीं

 


मैंने काटा था तेरी नाभि को 

नशा आज तक उतरा नहीं 


नाभि के भँवर में डूबते ही 

गहराई से बाहर उबरा नहीं 


मैंने यादें ऐसा सहेज लिया 

कि इंचमात्र भी बिखरा नहीं 


वो मंजर गुजरने के बाद भी 

ठहरा हुआ है गुजरा नहीं 

अंग-अंग अंगीकार हुआ

 


तुम्हारे इशारे के बाद ही 

मुझसे कुछ इजहार हुआ 


पहले केवल सेक्स किया 

बाद में बेहद प्यार हुआ 


अंग से अंग मिलने के बाद 

अंग-अंग अंगीकार हुआ 


तड़पूंगा अब मरते दम तक 

इतना कि दिल बेक़रार हुआ 

जो प्रेम में रहे कभी अंबानी

 


सुनने बहुत उत्सुक हूँ मैं 

कैसे बीती बताओ जवानी 


कैसे-कैसे किए कारनामे 

क्या है तुम्हारी प्रेम कहानी 


शादी के बाद गुजर-बसर है 

जो प्रेम में रहे कभी अंबानी 


आज दोहराओ सारी यादें 

बहाओ आँखों से कुछ पानी

देर रात मरघट के रास्ते

 


देर रात मरघट के रास्ते 

मिलकर उससे घर आना 


याद है वो गर्मी की लू भी 

पैदल ही वहां पहुँच जाना


अपना माथा फोड़ने जैसा  

प्रेम पथिक को समझाना 


जो कारनामे तुमने किए हैं 

जरा-सा मुझे भी बतलाना 

ऐसे चलती हो कि स्तन हिलता है

 


कहाँ से सीखी हो चलने का हुनर 

ऐसे चलती हो कि स्तन हिलता है 


हँसने-मुस्कुराने का अंदाज भी ऐसा 

जैसे किसी बाग में फूल खिलता है 


मैं उत्तेजित हो उठता हूँ सोचकर ही 

पता नहीं उत्तेजना से क्या मिलता है 


मैं धीरे-धीरे और कुरेदता हूँ यादों को 

जैसे कि कारपेंटर लकड़ी छिलता है

ब्लाउज से बाहर बूब्स की नजर है

 


ब्लाउज से बाहर बूब्स की नजर है 

उसी ने डाला मुझपे ख़ास असर है 


तेरा उभरा हुआ नितंब भी दोषी है

थोड़ा-सा कुसूरवार पतली कमर है 


मादक अदाओं का अहम योगदान 

कातिल आँखों में भी गजब हुनर है 


जिस्मानी प्यास पनपा कैसे क्या पता  

मैं कैसे बना मुजरिम कहाँ खबर है 

है आदिकाल का जंगलीपन

 


बाहर से पूरा सभ्य लगते हैं 

और अंदर भरा है वहशीपन


मैं बहुत क़रीब से जानता हूँ 

तेरे असलीपन का नकलीपन 


इस कंक्रीट के भी जंगल में

है आदिकाल का जंगलीपन 


हर शख्स में सेक्स का कुछ 

हाँ, बचा ही रहेगा ठरकीपन 

लव में हुआ जब एक्सीडेंट

 


लव में हुआ जब एक्सीडेंट

मैं बॉडी का बन गया स्टूडेंट 


बाहर से देख लूँ भीतर तक 

कच्ची कली या लग गया डेंट 


स्तन का भी आकार-प्रकार 

पूरा कर लेता हूँ मेजरमेंट 


आँखों से ही करता हूँ सेक्स 

क्या गजब का है मेरा टैलेंट 

रस जीवन के रंगशाला में

 


ये मिलता नहीं मधुशाला में 

कि कोई देदे तुम्हें प्याला में 


वीर्य एक जैविक शक्ति है 

नहीं बनता प्रयोगशाला में 


ये वीर्य ही है पहला अक्षर

यौन क्रिया के वर्णमाला में 


इसका बेहतर प्रयोग करो 

रस जीवन के रंगशाला में 

सेक्स कोर्स का आधा चैप्टर

 


सेक्स कोर्स का आधा चैप्टर 

संयम की कहानी हो


सेक्स उससे कभी न करें 

जिससे आत्मग्लानि हो 


क्षणिक लाभ से ऐसा न हो 

बाद में बड़ी परेशानी हो 


वीर्य भी ऐसे बहाओ मत 

जैसे पोखर का पानी हो 

उद्भव फिर अवसान

 


कम है जितना भी करूँ 

योनि महिमा महान 


भूगर्भ जैसा रहस्य है 

स्त्री का गर्भाधान 


सृष्टि का भी चक्र गजब है

उद्भव फिर अवसान  


एक मरे एक नया जने 

सृजन ही समाधान 

सेक्स घाव भी गहन हरा है

 


कहीं ज्यादा कहीं जरा है 

हर सजीव में मैथुन भरा है


मैथुनमय संसार का साक्षी 

ऊपर आसमां नीचे धरा है 


इतना उथला मत समझो 

निसर्ग नियम बहुत गहरा है


मानव प्रेम का प्यास अनंत 

सेक्स घाव भी गहन हरा है

अतृप्त यौन अभिलाषा का

 


यौन क्रिया में डूबा रहा जब

शमन हुआ जिज्ञासा का


चिकित्सा बेहद जरूरी था 

अतृप्त यौन अभिलाषा का 


मतलब कौन बता सकता है 

सेक्स की मौन भाषा का 


करना होगा खुद ही प्यारे 

उपचार काम पिपासा का 

क्रिया में डूब जाओ जरा

 


झप्पी संग पप्पी मिले तो 

क्या होगा समझाओ जरा


चुंबन करते आँखें क्यों बंद 

ये बात भी बताओ जरा  


उसने कहा- मैं बता दूंगी

इधर करीब आओ जरा  


नहीं समझोगे बातों से ही 

क्रिया में डूब जाओ जरा 

शऊर में थोड़ा अमरीका सीखो

 


जानवर जैसा खाते नहीं खाना 

खाने का विशेष तरीका सीखो 


आनंद से बिताओ अंतरंग पल 

सेक्स का विशेष सलीका सीखो 


सब्जी का स्वाद बना रहे इसलिए 

कितना डालना है तीखा सीखो 


यौन संबंध जब फीका लगे तो 

शऊर में थोड़ा अमरीका सीखो 

स्त्री का सेक्स प्यार के लिए

 


पुरुष का प्यार सेक्स के लिए 

स्त्री का सेक्स प्यार के लिए 


बस एक ही बात काफी है 

दोनों में तकरार के लिए


दोनों को ही समझना होगा 

संबंध में सुधार के लिए  


दाम्पत्य के साथ यही दिक्कत 

कोई तैयार नहीं हार के लिए 

शनिवार, 2 नवंबर 2024

सेक्स के बाद गहरी नींद की

 


सेक्स के बाद गहरी नींद की 

इस जग में कोई मोल नहीं


सैकड़ों मील चल बुझ गई गाड़ी

जैसे बूंद भर भी पेट्रोल नहीं  


लव हार्मोन्स रिलीज होते ही

किसी का कोई कंट्रोल नहीं  


सेक्स सुकून का कहना ही क्या 

जिसका यहाँ कोई तोल नहीं

रखता शरीर निरोग

 


सेक्स का संतुलन ही तो 

रखता शरीर निरोग


कामऊर्जा का कर लो प्यारे 

कुछ बेहतर उपयोग


साधना से कुछ कम नहीं है 

सहवास का संयोग 


जो इसकी अवहेलना करते 

बेकार हैं वो लोग 

करें सेक्स प्रयोग

 


कभी आलू कभी अंडा खाते 

ये है नहीं कोई रोग 


कभी मुर्गा-मछली का मन 

कभी बकरे का भोग 


कुछ खाने-पीने जैसा ही 

यथार्थ है संभोग 


कभी लिटाके कभी बिठाके 

करें सेक्स प्रयोग 

रशियन-रास नतीजा भी

 


बाहर से है सेक्स विरोधी 

रायचंद का भतीजा भी


किंतु इसी में डूबा हुआ है 

रायचंद का जीजा भी 


कभी थाईलैंड चला जाता है 

लेकर पासपोर्ट वीजा भी 


बहुतों बार पकड़ में आया  

रशियन-रास नतीजा भी

शराफ़त लिबास में नंगापन

 


सफेदपोश का स्वांग तो देखो 

शराफ़त लिबास में नंगापन 


सर पे बाल हैं काले-घने और 

एहसास है लेकिन गंजापन


गिरेबान में झाँको खुद के 

है खुद में भी कुछ अंधापन 


बस उजला-उजला लगता है 

सब भीतर भरा है गंदापन  

अब कोठे का रूप बना

 


सेक्स शीतल छांव है तो 

तेज तप्त कभी धूप बना 


प्यार के ही सारे स्वरूप 

सुंदर कभी कुरूप बना 


पहले भी थे नगरवधु 

अब कोठे का रूप बना


धीरे-धीरे समाज का

एक जटिल प्रारूप बना

मानो दो स्तन दो पैग

 


एक तन दो स्तन है 

मानो दो स्तन दो पैग 


पूरा बदन ही बॉटल है 

और मुझपर ठरकी टैग


आफ़त की पुड़िया है वो 

और नशे का पूरा बैग 


वो मिलती है जब भी मुझे 

मैं करता स्वागत स्वैग

आरती अर्चना पूजा वंदना

 


रोज सुबह उठ जाता हूँ मैं 

करने उषा काल का ध्यान 


संध्या शांति पाठ भी करता

दिल में साधना का सम्मान 


आरती अर्चना पूजा वंदना 

मैं छोड़ता भी नहीं मध्यान्ह 


फिर से होटल पहुँच गया हूँ

करने नशा-निशा रसपान  

मैंने काटा था जो निप्पल को

 


ठंड के समय भी फेंक दिया था 

उस होटल में मैंने कम्बल को 


वो मंदिर का किस्सा याद तुम्हें

कोई ले गया था चप्पल को 


ये बात तो पक्का याद होगा 

मैंने काटा था जो निप्पल को


कभी तो कुछ याद करती हो

या भूल ही गई इस पागल को

सीने के दो गरम गोले को

 


तुम्हारे छूते ही स्विच ऑन 

मैं बल्ब जैसा जल जाता हूँ


सीने के दो गरम गोले को 

हाथ में लेते ही पिघल जाता हूँ  


थोड़ी देर में झड़ जाता है वीर्य 

साँझ की बेला-सा ढल जाता हूँ 


तू जलती है ट्यूबलाइट जैसा 

मैं तब तक निकल जाता हूँ 

चौबीस घंटे में तेरह बार

 


चौबीस घंटे में तेरह बार 

मैंने सेक्स किया वो मेरे नाम 


रिकार्ड दर्ज है दिल में जो  

वो रिकार्ड किया मैंने तेरे नाम 


जिस्म रूह सब एक हुआ था 

उस दिन तो बस मेरे नाम 


लेकिन अब तक याद करता हूँ 

सारी यादें तेरे नाम

कुछ सार मिलना चाहिए

 


तुम्हारे लिए जरूरी है कि 

तुम्हें प्यार मिलना चाहिए 


लेकिन उससे ज्यादा अहम 

विचार मिलना चाहिए 


दाम्पत्य नाव को पार करने 

पतवार मिलना चाहिए 


मूल आदतों में समानता देखो 

कुछ सार मिलना चाहिए 

सेक्स-वेक्स के बारे में

 


बहते जा रहे हो कब से 

एक ढर्रे के धारे में 


थोड़ा-सा ठहरो और सोचो 

रुको जरा किनारे में 


शादी से पहले जानो सब कुछ 

सेक्स-वेक्स के बारे में 


कैसे कितना हवा भरना है 

जीवन के गुब्बारे में 

चलने दो चक्कर का खेला

 


बच्चों के लिए लाखों बाप ने 

लंपट औरत को भी झेला 


लाल गुलाब जब खून की प्यासी

घर ले आओ सफ़ेद बेला  


निकम्मा पति तो ढूँढ ले औरत 

कोई मर्द नया नवेला 


औरत भी क्यों तन्हा काटे 

चलने दो चक्कर का खेला

झगड़ालू औरत जीवन झमेला

 


झगड़ालू औरत जीवन झमेला 

उससे बढ़िया रहो अकेला 


कभी-कभी तो ठीक है लेकिन 

रोज-रोज अच्छा नहीं करेला 


सड़ ही जाए सुंदर सेब तो

क्या बुरा है खा लो केला  


झंझट से शांति ही बेहतर 

करो उपाय कोई अलबेला 

शादी भी एक जुआ जैसा

 


शादी भी एक जुआ जैसा 

जीत मिले या हार 


जुआ खेलना भी जरूरी 

खेल रहा संसार 


वाट लग जाए जीवन का 

जब औरत मिले गंवार


औरत अच्छी मिल जाए तो 

सुखमय परिवार 

यौन रूपी हथियार का

 


स्वहित में उपयोग करो तुम 

यौन रूपी हथियार का 


जिस्म में जननांग अहम है 

विस्तार करे संसार का 


सोच जितना संकुचित होगा 

विषय उतना तकरार का


समझ आते ही लगेगा जैसे 

मधुर ध्वनि गिटार का 

गला मत घोंटो यौन विचार का

 


कामऊर्जा का मन मत मसलो 

गला मत घोंटो यौन विचार का


सहज स्वीकारो भाव सेक्स का 

ये चीज नहीं कोई शिकार का 


कामशक्ति का फन मत कुचलो

रिश्ता कायम करो प्यार का 


ये व्यभिचार में बदल गया तो 

रूप ले लेगा बड़े विकार का 

भग भजन, काम कीर्तन है

 


जाम जैसा छलकता यौवन है

कसा हुआ सुडौल बदन है  


उस पर क़यामत और कि

नशीली आँखें कामुक स्तन है


कैसे रखूं नियंत्रण में अब 

विचलित हुआ मेरा मन है


विचलित मन को साधने ही तो  

भग भजन, काम कीर्तन है 

जो ब्लाइंड लव या लस्ट में

 


जो ब्लाइंड लव या लस्ट में

वो हंगरी है या थर्स्ट में


सेक्स विकार से ग्रसित हुआ

कुछ कांड किया फिर कष्ट में


सामाजिक ताना-बाना में ही

वो हारा होगा एडजस्ट में


जवाब तेरे ही आस-पास है

तू डाटा खोज रहा डस्ट में

थाम लेता हूँ चूची को

 


चित्रकार जब रंग भरता है 

थाम लेता है कूची को 


मैं भी तो रस रंग भरने ही 

थाम लेता हूँ चूची को


सेज पर कैसे साज सजाना 

जानता हूँ तेरी रूचि को 


ख्वाहिश की फेहरिस्त लंबी है 

साथ रखता हूँ सूची को  

चंदा तेरे मामा होंगे

 


चंदा तेरे मामा होंगे 

मेरे लगते हैं साला जी 


चाँद की बहन चांदनी ने 

पहनाई मुझे वरमाला जी 


बहुत गोरी चिट्टी है वो 

मैं थोड़ा-सा काला जी 


रंगभेद की बात नहीं है 

प्यार अगर है आला जी 

रूह को राह में नीलाम कर दूँ

 


सुबह मिलो तो शाम कर दूँ 

रात मिलो तेरे नाम कर दूँ 


कितने पोज में करना सेक्स 

बता कि आज तमाम कर दूँ 


काम से बढ़कर काम कहाँ है 

काम का नाम ही काम कर दूँ 


डूबा रहूँगा जिस्म में तेरा 

रूह को राह में नीलाम कर दूँ 

तेरे सीने का आम दबाकर

 


लिंग से तेरा सुराख़ भरकर 

पूरा सुराख़ जाम कर दूँ 


लाखों शुक्राणुओं का आज 

सरेआम कत्लेआम कर दूँ 


किस लगे किशमिश जैसा

उसे भी महंगा बादाम कर दूँ 


तेरे सीने का आम दबाकर 

यौन रस का इंतजाम कर दूँ

जंगल के बीच बारिश में

 


जंगल के बीच बारिश में

अंतरंग पल जिए हो कभी  


तीन बार सेक्स के बाद 

चौथी बार किए हो कभी


नए अनुभव लेना अहम

बताओ लिए हो कभी


कुछ पाने उत्सर्ग जरूरी

कहो कुछ दिए हो कभी

वो रहस्मयी कुंड है

 


चारों तरफ से घिरा हुआ 

घूंघरालू बाल का झुंड है


ठीक उसी के मध्य में 

वो रहस्मयी कुंड है


सेक्स साधना के लिए 

ये उपजाऊ ग्राउंड है  


संभोग के बाद सुनते रहो 

जो अनहद साउंड है

'जसलीन जलोटा' जैसा ही

 


'जसलीन जलोटा' जैसा ही 

जीवन साँझ ढल जाए 


सैंतीस साल अंतर की कोई 

मेरे पास भी आए 


मुझे लगे ऐसी लागी लगन... 

कि मन भजन दुहराए 


मैं भी कहूँगा रंग दे चुनरिया...

कोई भी रंग जाए 

सेक्स के साम्राज्य में

 


सेक्स के साम्राज्य में 

हो ऐसा सम्मान 


सेक्स मिले हर शख्स को 

हुकूमत रखे ध्यान 


सेक्स मिले डिनर में 

सेक्स का जलपान 


भोजन की तरह बर्ताव हो 

सल्तनत सोच महान 

बनो सेक्स सुल्तान

 


काम जो जाने कम जरा भी 

उसे बनना है विद्वान  


खेल खेल रहे सारे खिलाड़ी 

तुम्हें बनना है कप्तान 


खदान खुदाई में भी कोई 

रचना है कीर्तिमान 


बनाओ एक नया सल्तनत 

बनो सेक्स सुल्तान 

खुदाई का फरमान

 


इस खदान के मालिक तुम हो 

तुम ही मजदूर महान 


सुहागरात से जारी हुआ है 

खुदाई का फरमान 


खुदाई का जिसे हुनर हासिल 

उसके लिए काम आसान


काबू में कर लिया है उसने 

योनि का उफान

अंगुल अष्ट प्रमाण

 


नाप लो नीचे नाभि से 

अंगुल अष्ट प्रमाण 


वहीं पर मिल जाएगा 

गहरा एक खदान


जहाँ रोज खुदाई करने का 

सबका है अरमान  


पहले तो अच्छे से सीखो 

खुदाई का परम ज्ञान

स्मृति में चल रहा है रील

 


मथ रहा मन मंजर वो 

स्मृति में चल रहा है रील


निर्वस्त्र आ खड़ी होती है 

बरतता हूँ जब कोई ढील


सैकड़ों मील से सुख लेता हूँ 

फिर भी उतना वैसा फील 


वो भी है बड़ी दरियादिल 

मेरा दिल भी जिंदादिल

पीछे भी देता है थ्रिल

 


आगे बिल और पीछे बिल 

जिसपे आया मेरा दिल 


आगे की तो अलग कहानी 

पीछे भी देता है थ्रिल 


जानवर-सा उन्मुक्त भाव से  

जंगल जाकर कभी तो मिल


जंगल में जो मंगल है  

बता पाना है मुश्किल 

गोल कहानी भग-भूगोल है

 


जांघों के बीच जो होल है 

लाइफ का बड़ा गोल है


चक्कर काट वहीं पहुंचोगे

गोल कहानी भग-भूगोल है 


पुनर्जन्म भी वहीं पर होगा

मामला पूरा गोलमटोल है  


मादक आँखें अंतरिक्ष जैसे

डूबे रहो यही खगोल है

लव बर्ड्स का चुंबन देखो

 


लव बर्ड्स का चुंबन देखो 

सर्पों का आलिंगन देखो 


हर कोने में कामकला है 

नियति नाट्य मंचन देखो 


नदियों का यौवन उफन रहा 

पर्वत जैसे स्तन देखो 


फूलों पर कैसे मंडराते 

भौरों को करते गुंजन देखो 

मुरलीधर घनश्याम ऊर्जा

 


ईसा ऊर्जा, मूसा ऊर्जा 

रहीम ऊर्जा और राम ऊर्जा 


ऊर्जा का पूरा पॉवर हाउस 

मुरलीधर घनश्याम ऊर्जा 


ऊर्जा के लिए ही स्थापित 

अपने चारों धाम ऊर्जा 


ऊर्जा के ही रूप अनेक हैं 

स्वीकार करो प्रणाम ऊर्जा 

पद ऊर्जा, पदनाम ऊर्जा

 


ऊर्जा से भरा अंजीर-अखरोट 

काजू और बादाम ऊर्जा


रोटी निगले बन गया खून

सुबह का खाना शाम ऊर्जा


जिसके खातिर भागमभाग   

पद ऊर्जा, पदनाम ऊर्जा


बिना आगाज के कैसे मिलेगा 

कोई भी अंजाम ऊर्जा  

तन के लिए व्यायाम ऊर्जा

 


छोटा-सा शालिग्राम ऊर्जा 

बड़ा-सा अक्षरधाम ऊर्जा


मन के लिए माला जपो 

तन के लिए व्यायाम ऊर्जा  


मैथुन में मग्न मूर्तियाँ देखो 

खजुराहो का काम ऊर्जा


निसर्ग नियम है मैथुन भी

मस्ती में मस्तराम ऊर्जा

हिंदुत्व ऊर्जा इस्लाम ऊर्जा

 


शक्ति से भरे ये प्रबल भाव हैं 

हिंदुत्व ऊर्जा इस्लाम ऊर्जा 


ऊर्जा के हैं केंद्र हजारों

पूरा ये निजाम ऊर्जा 


ऊर्जा बंट गया खांचों में 

इंसानी फ़ितूर बदनाम ऊर्जा 


तेरा क्यों हलाल है आखिर 

मेरा क्यों हराम ऊर्जा

रूपांतरण भी काम ऊर्जा

 


विद्यार्थी का एक्जाम ऊर्जा 

खिलाड़ी का इनाम ऊर्जा


राजा के लिए गुलाम ऊर्जा  

बॉस के लिए सलाम ऊर्जा 


ऊर्जा को कई रूप में बदलो

रूपांतरण भी काम ऊर्जा  


दो मिलकर एक नवसृजन 

बच्चा भी परिणाम ऊर्जा 

बिस्तर कहेगा काम ऊर्जा

 


सेब ऊर्जा, आम ऊर्जा 

उसे खरीदने दाम ऊर्जा 


पूरे दिन घनचक्कर हुए 

थक गए तो विश्राम ऊर्जा 


थकान मिटाने फिर थकोगे 

बिस्तर कहेगा काम ऊर्जा


रूह को राहत देने लगे हैं  

कभी-कभी तो जाम ऊर्जा

मोहब्बत में नाकाम ऊर्जा

 


काम से ही जन्म सभी का 

सबसे ऊपर काम ऊर्जा 


कवि-शायर बन गए सारे 

मोहब्बत में नाकाम ऊर्जा


कुछ ने आर्थिक झंडे गाड़े 

काम से बन गए नाम ऊर्जा


और धन्य है धन ऊर्जा भी 

धन में धारण तमाम ऊर्जा

यौन का हर आयाम ऊर्जा

 


नियति नेमत काम ऊर्जा 

फिर क्यों ये बदनाम ऊर्जा 


कुदरत का कोई स्वार्थ नहीं

है निसर्ग का निष्काम ऊर्जा 


ऊर्जा से लबरेज लबालब

यौन का हर आयाम ऊर्जा


ऊर्जा से ही दुनिया कायम 

सुबह से लेकर शाम ऊर्जा

शुक्रवार, 1 नवंबर 2024

सम भोगेगे तभी संभोग है

 


सोना है जागरण के साथ 

न रहे केवल वहशीपन 


चित्त मिले तो चूत काम का 

वरना चुतियापा जीवन 


भग भोग में योग जरूरी 

मन भोगे तो भोगो तन 


सम भोगेगे तभी संभोग है

नहीं तो सेक्स कोरा कथन

काम को लेकर कट्टरपन

 


काम को लेकर कट्टरपन 

ठीक नहीं ये अनुगमन 


तंत्र ही है आखिर तन 

इसे भी जरूरी है ईंधन


भोजन जब ऊर्जा बन निकले 

कुछ करते ही हो क्रियान्वयन 


जागृति लाओ काम शक्ति में 

भले ही काम में अहम शयन

कल काम आएगा कटुवचन

 


उर्ध्वगमन के पराकाष्ठा को

है मेरा कोटि-कोटि नमन 


अधोगमन की अधिकता से भी 

संयमित होगा विचलित मन


इससे ख़राब और क्या होगा 

इस काम ऊर्जा का क्यों दमन 


आज भले ही फन कुचल दो

कल काम आएगा कटुवचन

गहराई का रास्ता अधोगमन

 


दोनों गमन का ध्येय क्या है 

ये करते किसका अनुगमन 


उर्ध्वगमन का ध्येय उच्च है 

गहराई का रास्ता अधोगमन


शिखर जाना या गहराई पाना 

जैसे भी मिले कुछ करो जतन


आख़िर शांत कैसे होगा मन

है इतना केवल मेरा चिंतन 

हम बदल सकते हैं फ़ॉर्मेशन

 


आइंस्टीन का सिद्धांत भी समझो 

न निर्माण कर सकते न ही शमन


ऊर्जा का रूपांतरण होगा ही 

चाहे उर्ध्वगमन या अधोगमन


इतना ही हमारे हाथ में है कि

हम बदल सकते हैं फ़ॉर्मेशन 


फिर करो इसका भी ट्रांसफ़ॉर्मेट 

और बनाओ इसे भी ट्रांसमिशन

लिंग का दनादन आघात बोलता है

 


स्ट्रोक पे स्ट्रोक, स्ट्रोक पे स्ट्रोक 

लिंग का दनादन आघात बोलता है 


झटके पे झटके, झटके पे झटके

दो लटके हुए लट्टू इफ़रात बोलता है


बोल उठता है तकिया-चादर भी 

जब कमरे का करामात बोलता है 


यौन सुख का असली मजा तो

दो-तीन संभोग पश्चात बोलता है

सुराख़ देखकर ज़ज्बात बोलता है

 


बदनमय बिस्तर कुछ बात बोलता है 

ख़ामोशी टूटी तो पूरी रात बोलता है


मन भी मिले और मिज़ाज भी तो 

चरम सुख की औकात बोलता है


बोल उठता है पलंग भी चर-चर 

सेक्स में गति अनुपात बोलता है    


हसीन मंजर देख गूंगा बोल उठे

सुराख़ देखकर ज़ज्बात बोलता है

तुम्हें जिस्म लिखूं इसमें बुरा क्या है

 


तेरी गहराई से ज्यादा गहरा क्या है 

तेरी ऊंचाई से ज्यादा ऊँचा क्या है 


तेरे जिस्म ने दी है तसल्ली मुझे 

तुम्हें जिस्म लिखूं इसमें बुरा क्या है


तेरे जिस्म ने मिलाया रूह से मुझे 

तुम्हें रूह लिखूं इसमें नया क्या है 


आँख मूंदते ही जिस्म नजर आता है 

तुम ही बताओ मुझे हुआ क्या है

छप्पन इंच का सीना फुलाकर

 


हम रह जाएंगे सर झुकाकर 

आप चल देंगे झोला उठाकर


हिन्दू-मुस्लिम अनंत लड़ाई 

मुर्गे की तरह हमें लड़ाकर 


धर्म अर्थ में खप गया शासन

काम मोक्ष भी करो बढ़ाकर  


जहाँ मर्जी फिर चले जाना  

छप्पन इंच का सीना फुलाकर