कुछ दिन के मेहमान हो
मत भूलना मृत्यु का सच
छोड़ जाओगे सब यहाँ पर
कर लो जितना भी लालच
धन इकठ्ठा कितना करोगे
कहीं हो न जाए तुम्हें अपच
आनंद के कुछ पल गुजारो
सेक्स करो कुछ गचागच
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