कर लो तौबा हस्तमैथुन से
कब तक बनेगा हाथ सहारा
असली आनंद डुबकी में है
बहने के लिए कोई ढूँढो धारा
छोड़ो ये मुट्ठीमार की आदत
कर लो इससे एक किनारा
शारीरिक-मानसिक रूप से
कहीं बन न जाओ तुम नकारा
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