जब कपड़ा पहनना सीख गए हम
सेक्स को भी हमने कपड़ा पहनाया
कि सेक्स को बढ़िया ढंग से सजाकर
इसका नाम नया हमने प्रेम बताया
अब कपड़े नहीं उतारना एक भी
हम सबने इसको डराया-धमकाया
आखिर गुप्त ज्ञान बन गया धीरे-धीरे
तेज भाग न सके इसलिए पंगु बनाया
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