कामऊर्जा का मन मत मसलो
गला मत घोंटो यौन विचार का
सहज स्वीकारो भाव सेक्स का
ये चीज नहीं कोई शिकार का
कामशक्ति का फन मत कुचलो
रिश्ता कायम करो प्यार का
ये व्यभिचार में बदल गया तो
रूप ले लेगा बड़े विकार का
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