शनिवार, 23 नवंबर 2024

ये कामुक नृत्यों के भाव भंगिमा

 


ये गलत धारणा किसने थोपा 

सेक्स को कहते जहर है धीमा 


कि जड़ समेत उखाड़ ही फेंको 

जब सेक्स नहीं है मनुष्य गरिमा 


उड़ान दो कामुक कल्पना भी 

बनाओ सेक्स को सुंदर प्रतिमा 


कि प्रेम का ही उत्कृष्ट मिसाल है 

ये कामुक नृत्यों के भाव भंगिमा 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें