बेकार है तुम्हारा जीवन ही
जब देखा नहीं गरम सपना
सेक्स में शरम करने से अच्छा
कि फूट जाए करम अपना
सेक्स कहने में कैसी लज्जा
सेक्स पर तोड़ो भरम अपना
काम शास्त्र भी खोलो कभी
चार पुरुषार्थ धरम अपना
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