शनिवार, 2 नवंबर 2024

हिंदुत्व ऊर्जा इस्लाम ऊर्जा

 


शक्ति से भरे ये प्रबल भाव हैं 

हिंदुत्व ऊर्जा इस्लाम ऊर्जा 


ऊर्जा के हैं केंद्र हजारों

पूरा ये निजाम ऊर्जा 


ऊर्जा बंट गया खांचों में 

इंसानी फ़ितूर बदनाम ऊर्जा 


तेरा क्यों हलाल है आखिर 

मेरा क्यों हराम ऊर्जा

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