कि और कितना खाते रहेंगे
रसगुल्ला खा लिए खाने वाला
अब जी ललचाए रहा न जाए
रसगुल्ला चाहिए दबाने वाला
परोसो कोई ऐसा पकवान कि
हो बिस्तर को गरमाने वाला
अब हमें चाहिए मालपुआ भी
लिंग राज को ललचाने वाला
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