तुम्हारे छूते ही स्विच ऑन
मैं बल्ब जैसा जल जाता हूँ
सीने के दो गरम गोले को
हाथ में लेते ही पिघल जाता हूँ
थोड़ी देर में झड़ जाता है वीर्य
साँझ की बेला-सा ढल जाता हूँ
तू जलती है ट्यूबलाइट जैसा
मैं तब तक निकल जाता हूँ
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