हम रह जाएंगे सर झुकाकर
आप चल देंगे झोला उठाकर
हिन्दू-मुस्लिम अनंत लड़ाई
मुर्गे की तरह हमें लड़ाकर
धर्म अर्थ में खप गया शासन
काम मोक्ष भी करो बढ़ाकर
जहाँ मर्जी फिर चले जाना
छप्पन इंच का सीना फुलाकर
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