स्वहित में उपयोग करो तुम
यौन रूपी हथियार का
जिस्म में जननांग अहम है
विस्तार करे संसार का
सोच जितना संकुचित होगा
विषय उतना तकरार का
समझ आते ही लगेगा जैसे
मधुर ध्वनि गिटार का
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