मंगलवार, 5 नवंबर 2024

फिर किस कण में शैतान है

 


जब कण-कण में भगवान है 

फिर किस कण में शैतान है


ये हर दिन सौ-सौ बलात्कार 

इंसान कर रहे कि हैवान है 


भगवान देख रहा सब कुछ 

वो क्यों नहीं होता परेशान है 


धर्म, नीति, समाज वगैरह भी 

शायद चलता-फिरता दुकान है 

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