कर लो चाहे लाख जतन
हो जाता है विचलित मन
दिख जाता है रोज रास्ते
हिलता-डुलता झांकता स्तन
सेक्स पसरा है चारों तरफ
बचने का नहीं कोई साधन
संयम जब संभव नहीं तो
संभोग करें अब दनादन
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