नियति नेमत काम ऊर्जा
फिर क्यों ये बदनाम ऊर्जा
कुदरत का कोई स्वार्थ नहीं
है निसर्ग का निष्काम ऊर्जा
ऊर्जा से लबरेज लबालब
यौन का हर आयाम ऊर्जा
ऊर्जा से ही दुनिया कायम
सुबह से लेकर शाम ऊर्जा
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