स्ट्रोक पे स्ट्रोक, स्ट्रोक पे स्ट्रोक
लिंग का दनादन आघात बोलता है
झटके पे झटके, झटके पे झटके
दो लटके हुए लट्टू इफ़रात बोलता है
बोल उठता है तकिया-चादर भी
जब कमरे का करामात बोलता है
यौन सुख का असली मजा तो
दो-तीन संभोग पश्चात बोलता है
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें