रविवार, 3 नवंबर 2024

ब्लाउज से बाहर बूब्स की नजर है

 


ब्लाउज से बाहर बूब्स की नजर है 

उसी ने डाला मुझपे ख़ास असर है 


तेरा उभरा हुआ नितंब भी दोषी है

थोड़ा-सा कुसूरवार पतली कमर है 


मादक अदाओं का अहम योगदान 

कातिल आँखों में भी गजब हुनर है 


जिस्मानी प्यास पनपा कैसे क्या पता  

मैं कैसे बना मुजरिम कहाँ खबर है 

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