कितना करोगे हस्तमैथुन ही
कब तक हाथ से फेरोगे माला
कोशिश क्यों नहीं करते कुछ
कि मिल जाए कोई सुंदर बाला
या फंस जाए कोई मच्छर-मक्खी
कि बुनो सेक्स का मकड़ा-जाला
कोई तो मिलेगी 'पापा की परी'
बुझाओ जिस्म का काम-ज्वाला
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