लड़की उसके लायक थी
लड़का श्योर नहीं था
ऐसे ही बंध गए बंधन में
फैसला मैच्योर नहीं था
कैसे बंधे रहे बंधन बताओ
एक भी पक्का डोर नहीं था
ऐसे रिश्ते का टूटना लाजिम
जहाँ प्रेम सराबोर नहीं था
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