सोना है जागरण के साथ
न रहे केवल वहशीपन
चित्त मिले तो चूत काम का
वरना चुतियापा जीवन
भग भोग में योग जरूरी
मन भोगे तो भोगो तन
सम भोगेगे तभी संभोग है
नहीं तो सेक्स कोरा कथन
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें