शनिवार, 2 नवंबर 2024

चलने दो चक्कर का खेला

 


बच्चों के लिए लाखों बाप ने 

लंपट औरत को भी झेला 


लाल गुलाब जब खून की प्यासी

घर ले आओ सफ़ेद बेला  


निकम्मा पति तो ढूँढ ले औरत 

कोई मर्द नया नवेला 


औरत भी क्यों तन्हा काटे 

चलने दो चक्कर का खेला

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