राह के काँटों से
क्यों भला तुम भय करो
कैसे पार होओगे उससे
देखो तुरंत निर्णय करो
रुक-रुक कर राहों में तुम
यूँ ना साहस क्षय करो
मंजिल तुम्हारी राह देख रही
आगे बढ़ो विजय करो
एक ही तो काम है यारों
आओ दृढ़ निश्चय करो
- कंचन ज्वाला कुंदन
क्यों भला तुम भय करो
कैसे पार होओगे उससे
देखो तुरंत निर्णय करो
रुक-रुक कर राहों में तुम
यूँ ना साहस क्षय करो
मंजिल तुम्हारी राह देख रही
आगे बढ़ो विजय करो
एक ही तो काम है यारों
आओ दृढ़ निश्चय करो
- कंचन ज्वाला कुंदन
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें