कहे कुंदन कविराय
मंगलवार, 16 अक्टूबर 2018
धीरे-धीरे-हौले-हौले जीवन गढ़ो
साहस रखो
आगे बढ़ो
ऊपर देखो
ऊपर चढ़ो
आप देखो अपना ही
चेहरा पढ़ो
धीरे-धीरे-हौले-हौले
जीवन गढ़ो
- कंचन ज्वाला कुंदन
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