रविवार, 14 अक्टूबर 2018

जिंदगी एक चिड़ी जैसा ही है

जिंदगी तो कब से ऐसा ही है
पर्यायवाची नाम पैसा ही है

तुम भी देख रहे हो हम भी देख रहे हैं
जैसा का तैसा वैसा ही है

तुम्हें भी गम है हमें भी गम है
जिंदगी की बात ऐसा ही है

जाने कब फंस जाये बहेलिये की जाल में
जिंदगी एक चिड़ी जैसा ही है

अपना-अपना देख लो जीने का ढंग
हमें क्या कहोगे कैसा भी है

-कंचन ज्वाला कुंदन 

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