पारित प्रस्ताव है कैसे करें भंग
जिंदगी की मौत से समझौते का ढंग
तुम कैसे अलग करोगे हम अलग कैसे करेंगे
जिंदगी में शामिल है मौत का ही रंग
तुम बीच में ना पड़ो उसे चलने ही दो
जिंदगी जांबाज का मौत से है जंग
तुम नाम का विजय पताका फहरा दो
मौत से विजय कर दुनिया करो दंग
कुछ करने चले हैं यहाँ हम भी कुंदन
बन जाने दो जरा हमें कल का दबंग
- कंचन ज्वाला कुंदन
जिंदगी की मौत से समझौते का ढंग
तुम कैसे अलग करोगे हम अलग कैसे करेंगे
जिंदगी में शामिल है मौत का ही रंग
तुम बीच में ना पड़ो उसे चलने ही दो
जिंदगी जांबाज का मौत से है जंग
तुम नाम का विजय पताका फहरा दो
मौत से विजय कर दुनिया करो दंग
कुछ करने चले हैं यहाँ हम भी कुंदन
बन जाने दो जरा हमें कल का दबंग
- कंचन ज्वाला कुंदन
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें