रविवार, 14 अक्टूबर 2018

धीरे-धीरे...

मेरे सपने
होंगे अपने
धीरे-धीरे...

मेरे ख्वाब
होंगे नायाब
धीरे-धीरे...

हर एक अरमान
पायेगा पहचान
धीरे-धीरे...

- कंचन ज्वाला कुंदन 

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