ना खौफ खुदा से ना भय भगवान से है
दिल डर गया बहुत इंसान से है
धरम का धंधा फल-फूल रहा है
मंदिर-मस्जिद भी दुकान से है
उठाकर फेंक दो कभी यहाँ-कभी वहां
पत्थर दिल आदमी सामान से है
हर मुआमले में कर लो मुआयना
दुनिया में वतन ना हिंदुस्तान से है
नाउम्मीदी है मगर मंजिल मिल जाएगी
कुंदन का सफ़र आसमान से है
- कंचन ज्वाला कुंदन
दिल डर गया बहुत इंसान से है
धरम का धंधा फल-फूल रहा है
मंदिर-मस्जिद भी दुकान से है
उठाकर फेंक दो कभी यहाँ-कभी वहां
पत्थर दिल आदमी सामान से है
हर मुआमले में कर लो मुआयना
दुनिया में वतन ना हिंदुस्तान से है
नाउम्मीदी है मगर मंजिल मिल जाएगी
कुंदन का सफ़र आसमान से है
- कंचन ज्वाला कुंदन
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