चल राही चल
समय ने हमें पुत्र-पौत्र-बंधुभाई
पिता-पितामह-गुरुभाई
ना जाने क्या-क्या कहा है
पर सोचें प्रक्रति के इस नाटक में
अपनी भूमिका कैसा रहा है
किस भूमिका को हमने खरा पाया
किस भूमिका को हमने ठीक निभाया
किस भूमिका में हमने चूक की
किस भूमिका में हमने भूल की
किस भूमिका को पूरा किया
किस भूमिका को अधूरा किया
आज सोचें और बोलेन
अपना मुंह खोलें
किस भूमिका में पाई सम्मान
किस भूमिका में खाई अपमान
समय आ गया चलने का
महरूम कुछ बातों से खलने का
पड़ाव अंतिम है सत्य कहो राही
किस भूमिका में लूटी वाहवाही
-कंचन ज्वाला कुंदन
समय ने हमें पुत्र-पौत्र-बंधुभाई
पिता-पितामह-गुरुभाई
ना जाने क्या-क्या कहा है
पर सोचें प्रक्रति के इस नाटक में
अपनी भूमिका कैसा रहा है
किस भूमिका को हमने खरा पाया
किस भूमिका को हमने ठीक निभाया
किस भूमिका में हमने चूक की
किस भूमिका में हमने भूल की
किस भूमिका को पूरा किया
किस भूमिका को अधूरा किया
आज सोचें और बोलेन
अपना मुंह खोलें
किस भूमिका में पाई सम्मान
किस भूमिका में खाई अपमान
समय आ गया चलने का
महरूम कुछ बातों से खलने का
पड़ाव अंतिम है सत्य कहो राही
किस भूमिका में लूटी वाहवाही
-कंचन ज्वाला कुंदन
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