सोमवार, 15 अक्टूबर 2018

आज का देखो भ्रांतिराम

क्रोध में ही पलता है
क्रोध लेके चलता है
आज का देखो शांतिराम

बूझा-बूझा लटका-लटका
उतरा-उतरा चेहरा है
आज का देखो कांतिराम

गाँधी का है अनुगामी
चंद्र बोस का फिर भी नामी
आज का देखो भ्रांतिराम

शांति दूत है खूनी शातिर
खून-खराबा जिसके खातिर
आज का देखो क्रांतिराम

- कंचन ज्वाला कुंदन 

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